शिक्षिका मामले में शिक्षा महकमें ने शुरू की जांच, सीएम ने दिखाई नरमी
मुख्यमंत्री के जनता दरबार में शिक्षिका के अभद्रता प्रकरण पर शिक्षा महकमे ने प्राथमिक जांच बैठा दी है। वहीं, सीएम ने शिक्षिका के आवेदन पर नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: मुख्यमंत्री के जनता दरबार में शिक्षिका के अभद्रता प्रकरण पर शिक्षा महकमे ने प्राथमिक जांच बैठा दी है। जांच अधिकारी उत्तरकाशी जिले के नौगांव के उप शिक्षा अधिकारी को नामित किया गया है। उधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा के तबादला आवेदन पर सहानुभूतिपूर्ण रवैया अख्तियार कर नियमानुसार समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही तबादला एक्ट के क्रियान्वयन के दौरान उत्तरा बहुगुणा की पारिवारिक परिस्थितियों का ध्यान रखने को कहा है।
सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत में विद्यालयी शिक्षा सचिव डॉ भूपिंदर कौर औलख ने बताया कि उत्तरा बहुगुणा मामले की जांच के दौरान उन्हें भी पक्ष रखने का पूरा मौका दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी जिले के नौगांव ब्लॉक में राजकीय प्राथमिक विद्यालय ज्येष्ठवाड़ी की प्रधानाध्यापिका उत्तरा बहुगुणा मुख्यमंत्री के जनता दरबार में बिना विभागीय अनुमति के पहुंचीं। वहां पर अभद्रता की गई। यह कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन है।
उन्होंने बताया कि उक्त प्रधानाध्यापिका 19 अगस्त, 2017 से बगैर किसी अनुमति के विद्यालय से अनुपस्थित चल रही हैं। इससे पहले भी पांच अगस्त, 2015 से 10 अप्रैल, 2017 तक विद्यालय में लगातार अनुपस्थित रहीं। कार्य के प्रति इसतरह की उदासीनता बच्चों के भविष्य के लिए हितकर नहीं है। इसी वजह से उन्हें 20 नवंबर, 2008 और 27 जुलाई, 2011 में भी निलंबित किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि शिक्षिका के अभद्र व्यवहार के बाद भी मुख्यमंत्री ने शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा के तबादले को लेकर आवेदन पर नियमानुसार समुचित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। इस मौके पर अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक सीमा जौनसारी, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट भी मौजूद थे।
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