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उत्तराखंड के कमजोर ढांचे को मिली 12 हजार करोड़ की बूस्टर डोज

केंद्र की मोदी सरकार ने बाह्य सहायतित योजनाओं (ईएपी) की मद में चालू वित्तीय वर्ष में ही 12 हजार करोड़ से ज्यादा परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है।

By Edited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 08:40 PM (IST)
उत्तराखंड के कमजोर ढांचे को मिली 12 हजार करोड़ की बूस्टर डोज
उत्तराखंड के कमजोर ढांचे को मिली 12 हजार करोड़ की बूस्टर डोज

देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। केंद्र और राज्य में डबल इंजन ने दम दिखाना शुरू कर दिया है। केंद्र की मोदी सरकार ने बाह्य सहायतित योजनाओं (ईएपी) की मद में चालू वित्तीय वर्ष में ही 12 हजार करोड़ से ज्यादा परियोजनाओं को मंजूरी देकर हिमालयी राज्य उत्तराखंड के कमजोर और लचर ढांचागत विकास को का मजबूत बनाने का आधार तैयार कर दिया है। आधारभूत सुविधाओं को दी गई इस बूस्टर डोज के असर के तौर पर आने वाले पांच से सात सालों में राज्य के शहरी और दूरदराज पर्वतीय क्षेत्र अवस्थापना सुविधाओं के मामले में देश के विकसित शहरों को टक्कर दे सकेंगे।

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प्रदेश में बुनियादी सुविधाएं दूरदराज तक पहुंच बना तो रही हैं, लेकिन गुणवत्ता के मामले में इन सुविधाओं की हालत अच्छी नहीं है। अवसंरचनात्मक विकास में तेजी की उम्मीदों को अब मूर्त रूप देने में ईएपी बड़ी भूमिका निभाने जा रही है। इस मद में केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 90:10 की है। साथ ही केंद्र और राज्य की संयुक्त कसरत से विश्व बैंक के साथ ही एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक समेत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएं बुनियादी सुविधाओं का व्यापक नेटवर्क खड़ा करने में मदद को तैयार दिख रही हैं।

2000 करोड़ से ज्यादा पेयजल और डेढ़ हजार करोड़ से अधिक सीवरेज कवरेज की योजनाओं से प्रदेश के बड़े हिस्से यानी 50 लाख से ज्यादा आबादी को राहत मिलने जा रही है। 1300 करोड़ से सभी 13 जिला मुख्यालयों समेत 16 शहरों में बदसूरत सड़कों और बदहाल पार्किंग को दुरुस्त किया जाएगा। ये योजनाएं अंजाम तक पहुंची तो उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश की मजबूत पहचान देने में मील का पत्थर साबित होंगी। 

पिछले दस महीनों के भीतर उत्तराखंड ईएपी में 12 हजार करोड़ से ज्यादा योजनाओं को मंजूर कराने में कामयाब रहा है। इसीतरह साढ़े छह हजार करोड़ की योजनाएं ईएपी मद में मंजूरी के लिए पाइपलाइन में हैं। राज्य की अहम परियोजनाओं पर अगले एक वर्ष के भीतर काम शुरू होना तकरीबन तय है। करीब ढाई हजार करोड़ की योजनाएं बैंकों के दरवाजे तक पहुंच गई हैं। वित्त और नियोजन सचिव अमित नेगी ने कहा कि आने वाले कुछ वर्षों में राज्य में आधारभूत सुविधाओं का मजबूत नेटवर्क तैयार हो जाएगा। इससे पर्यटन का विकास तो होगा ही रोजगार और आजीविका के मामले में उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। 

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एक केंद्र सरकार से अनुमोदित परियोजनाएं

-एडीबी सहायतित नगर सेक्टर अवस्थापना विकास परियोजना:1750 करोड़ 

-एडीबी सहायतित उत्तराखंड विद्युत पारेषण सुदृढ़ीकरण और वितरण उन्नयन कार्यक्रम: 1400 करोड़ 

-विश्वबैंक पोषित उत्तराखंड आपदा पुनर्निर्माण परियोजना-अतिरिक्त फंडिंग: 960 करोड़ 

-जर्मनी पोषित हरिद्वार और ऋषिकेश की सीवरेज परियोजना: 1075 करोड़ 

केंद्रीय आर्थिक मंत्रालय से इन योजनाओं को सैद्धांतिक मंजूरी 

-उत्तराखंड एकीकृत औद्योनिकी विकास परियोजना-400 करोड़ 

-नगरीय पेयजल योजना-1250 करोड़ 

-अर्धनगरीय क्षेत्रों के लिए पेयजल योजना-975 करोड़ 

-16 शहरों में अवस्थापना विकास योजना: 1300 करोड़ 

-ग्रामीण उद्योगों का सृजन और कायाकल्प: 600 करोड़ 

-उत्तराखंड जल प्रबंधन परियोजना: 910 करोड़

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