लास्ट फेज में Doon-Delhi Expressway की एलिवेटेड रोड का काम, नए साल में देहरादून में एंटर करने पर नहीं मिलेगा जाम
देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे के एलिवेटेड रोड का काम अंतिम चरण में है। नए साल में देहरादून में प्रवेश करने पर जाम नहीं मिलेगा। इस परियोजना से शहर में या ...और पढ़ें

देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे। जागरण आर्काइव
अंकुर अग्रवाल, देहरादून। नया साल-2026 दून के लिए किसी बड़ी सौगात से कम नहीं होगा। खासकर दून-दिल्ली परिवहन करने वालों के लिए। इस मार्ग पर देहरादून से मोहंड के बीच करीब 18 किमी में लगने वाले भीषण जाम से भी अब मुक्ति मिल जाएगी और मोबाइल नेटवर्क की समस्या भी नहीं होगी।
दरअसल, मोहंड में पुराने मार्ग पर अकसर जाम लग जाता है और स्थिति यह होती है कि कई बार वाहन चार से पांच घंटे तक एक ही जगह फंसे रहते हैं। खासकर पर्यटन सीजन, वीकेंड और त्योहारी सीजन में तो जाम लगना निश्चित रहता है, लेकिन मार्ग पर कोई ट्रक या अन्य भारी वाहन खराब हो जाए या दुर्घटनाग्रस्त हो जाए तो सामान्य दिनों में भी यहां भीषण जाम लग जाता है। फिर, मोबाइल नेटवर्क न आना जाम में फंसे लोगों के लिए दूसरी सबसे बड़ी मुसीबत बन जाता है।अब यह समस्या जल्द दूर होने वाली है।
जिस एक्सप्रेस-वे का दूनवासी पिछले एक साल से खुलने का इंतजार कर रहे थे, अब वह खत्म होने जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी के बुधवार को संसद में दिए गए बयान के बाद यह साफ हो गया है कि अब यह इंतजार मात्र 10 से 15 दिन का रह गया है, यानी नए साल में इस एक्सप्रेस-वे पर वाहन सरपट दौड़ने लगेंगे।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की मोहंड की 12 किमी लंबी एलिवेटेड रोड को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) अंतिम रूप दे रहा है। यहां मोबाइल टावर लगाने का कार्य पूरा हो चुका है और स्पीड लिमिट के साइन बोर्ड भी लगा दिए गए हैं। दिल्ली-दून एक्सप्रसे-वे के 213 किमी में वैसे तो उत्तराखंड क्षेत्र में माेहंड के जंगल में नदी पर बनने वाली 12 किमी लंबी एलिवेटेड रोड अक्टूबर-2024 में बनकर तैयार हो गई थी, लेकिन अलग-अलग पैकेज में तैयार की जा रही एक्सप्रेसवे परियोजना के कई काम अधूरे होने के कारण वाहनों के लिए इसे अब तक नहीं खोला गया है।
परियोजना के पूरे होने के बढ़ते इंतजार के कारण दून, मेरठ, दिल्ली आदि जाने वाले वाहन सवार भी परेशान हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने मोहंड में अंतिम चरण के समस्त काम भी लगभग पूरे कर दिए हैं। चूंकि, पुराने राजमार्ग में मोहंड वन क्षेत्र में मोबाइल फोन का नेटवर्क गायब रहता, पर नई एलिवेटेड रोड पर इस खामी को दूर किया गया है। मोबाइल कनेक्टिविटी को दुरुस्त रखने के लिए यहां 12 मोबाइल टावर लग चुके हैं। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक पंकज मौर्य के अनुसार वन क्षेत्र से घिरी एलिवेटेड रोड के किसी हिस्से में मोबाइल नेटवर्क अब गायब नहीं होगा। एलिवेटेड रोड पर स्पीड को मापकर स्वत: कार्रवाई करने वाले कैमरे भी लगाए जा चुके हैं।
डाटकाली मंदिर के लिए नया फ्लाईओवर
डाटकाली मंदिर के लिए बन रहे नए फ्लाईओवर का निर्माण भी अंतिम चरण में है। यह फ्लाईओवर सहारनपुर से आने वाली लेन से हल्के उठाव के साथ जुड़कर दूसरी लेन को ऊपर से पार करते हुए डाटकाली मंदिर तक पहुंचेगा। दरअसल, इस क्षेत्र में सबसे अधिक चुनौती इस बात की खड़ी हो रही थी कि एलिवेटेड रोड के खुलने के बाद दोनों तरफ के वाहन तेजी से गुजरेंगे। वहीं, बड़ी संख्या में लोग डाटकाली मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। अभी उन्हें सड़क पार करनी पड़ती है। जिससे भविष्य में दुर्घटना की आशंका थी। इसके मद्देनजर एलिवेटेड रोड पर से ही सहारनपुर की तरफ से आने वाली लेन से इंद्रधनुष के आकार का फ्लाईओवर मददगार बनेगा।
एलिवेटेड रोड परियोजना पर एक नजर
- कुल लंबाई - 12 किमी
- कुल बजट - 1500 करोड़ रुपये
- कुल पिलर - 575
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