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    ई-ऑफिस सिस्टम लागू होने से विभागीय कार्यप्रणाली में आएगी तेजी: सीएम रावत

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Wed, 15 Jul 2020 08:36 PM (IST)

    मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ई-ऑफिस कार्यप्रणाली लागू होने से जहां विभागीय कार्यप्रणाली में तेजी आएगी और गुणात्मक सुधार होगा।

    ई-ऑफिस सिस्टम लागू होने से विभागीय कार्यप्रणाली में आएगी तेजी: सीएम रावत

    देहरादून, जेएनएन। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्रेड लाइसेंस, संपति कर और मिश्रित सेवाओं को ऑनलाइन करने के लिए बनाए गए सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि ई-ऑफिस कार्यप्रणाली लागू होने से जहां विभागीय कार्यप्रणाली में तेजी आएगी और गुणात्मक सुधार होगा। वहीं, नागरिक सेवाओं को ऑनलाइन किए जाने से पारदर्शिता और जवाबदेही में भी वृद्धि होगी। साथ ही नागरिकों को इन सेवाओं की प्राप्ति सुगम, सुलभ और घर बैठे प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी लोगों को यह सुविधा दी जाए। राज्य के निकायों में जो लोग व्यावसायिक गतिविधियां कर रहे हैं, उनका पूरा रिकॉर्ड रखा जाए।

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    मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा विभागीय कामकाज को ई-प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए राज्य सरकार लगातार कोशिश कर रही है। राज्य में सचिवालय के कामकाज को ई-ऑफिस से जोड़े जाने के बाद इस कड़ी में राज्य के शहरी विकास निदेशालय को भी ई-ऑफिस के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। शहरी विकास निदेशालय ई-ऑफिस के रूप में परिवर्तित होने वाला राज्य का पहला निदेशालय है। ई-ऑफिस लागू होने से शहरी विकास निदेशालय की समस्त विभागीय पत्रावलियों को अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ई-फाइलिंग के रूप में परिचालित किया जाएगा। नेशनल इनफॉरमेटिक सेंटर(एनआइसी) और आइटीडीए के सहयोग से ई-ऑफिस कार्यप्रणाली को स्थापित किया गया है।

    शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने शहरी विकास निदेशालय मे ई-ऑफिस प्रणाली लागू किए जाने और नागरिक सेवाओं की सरल और सुगम पहुंच डिजिटल माध्यम से जनसामान्य तक सुलभ बनाने पर प्रसन्नता व्यक्त की गई। कौशिक ने कहा कि डिजिटलाइजेशन के फलस्वरूप इन सेवाओं की आपूर्ति प्रणाली में व्यापक सुधार और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी। साथ ही नगर निकायों की सेवाओं के आच्छादन और राजस्व में भी व्यापक रूप से बढोत्तरी हो सकेगी।

    शहरी विकास सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि नगर निकायों के माध्यम से दी जाने वाली जनआधारित सेवाओं को भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने की पहल को नेशनल इन्सट्टियूट ऑफ अर्बन अफेयर्स भारत सरकार और उनकी सहयोगी e-gov फाउंडेशन के तकनीकी सहयोग से शुरू किया गया है। अल्पावधि में ही नगर निकायों की महत्वपूर्ण सेवाओं को ऑनलाईन किए जाने की कार्रवाई पूरी की गई है। बगोली ने बताया कि अर्बन रिफार्स और ई-गवर्नेंस को बढावा दिए जाने के उद्देश्य से निदेशालय स्तर पर एक सेल के गठन का प्रयास किया जा रहा हैं, जिससे अर्बन गवर्नेंस को राज्य में बेहतर किया जा सके।

    अपर सचिव और निदेशक विनोद कुमार सुमन ने बताया कि शहरी विकास निदेशालय को पेपरलेस कर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने का कार्य अत्यंत कम समय मे किया गया है, जो राज्य के अन्य विभागों के लिए एक रोल मॉडल सिद्ध होगा। सुमन ने बताया कि ई-ऑफिस के लिए समस्त अधिकारियों और कार्मिकों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा चुका है।

    शहरी विकास विभाग के द्वारा नगर निकायों के माध्यम से जनसामान्य को दी जाने वाली महत्वपूर्ण सेवाओं को भी आज से ऑनलाइन कर दिया गया है। राज्य में अब नगरवासी संपत्ति कर, ट्रेड लाइसेंस और अन्य सेवाओं को ई-प्लेटफॉर्म पर किसी भी स्थान से प्राप्त कर सकेंगे। लोकापर्ण कार्यक्रम में नगर निगम देहरादून के एक व्यवसायी को ऑनलाइन ट्रेड लाइसेंस जारी किया गया, जबकि नगर निगम रूडकी के संपत्ति कर के एक आवेदन को ऑनलाइन जमा किया गया। नगर निगम देहरादून के अन्य सेवाओं से संबंधित एक प्रकरण का भी ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करते हुए शुल्क की प्राप्ति की गई।

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    इस अवसर पर मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, मेयर रुड़की गौरव गोयल, मुख्यमंत्री के आइटी सलाहकार रविंद्र दत्त, नगर आयुक्त देहरादून विनय शंकर पांडेय, नगर आयुक्त अशोक कुमार, नगर आयुक्त रुड़की नुपुर वर्मा आदि उपस्थित थे।

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