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IMA POP 2022: मां भारती की सेवा में सबसे अधिक जांबाज देने में उत्‍तराखंड का नाम, इस बार इतने वीर हुए शामिल?

IMA POP 2022 पिछले एक दशक के दौरान शायद ही ऐसी कोई पासिंग आउट परेड हो जिसमें कदमताल करने वाले युवाओं में उत्तराखंडियों की तादाद अधिक न हो। आइएमए से सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर पास आउट होने वाले जेंटलमैन कैडेट की संख्या भी इस सच्चाई को बयां करती है।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraPublished: Sat, 10 Dec 2022 09:11 AM (IST)Updated: Sat, 10 Dec 2022 09:11 AM (IST)
IMA POP 2022: मां भारती की सेवा में सबसे अधिक जांबाज देने में उत्‍तराखंड का नाम, इस बार इतने वीर हुए शामिल?
IMA POP 2022 : अपना सर्वस्व न्योछावर करना देवभूमि की पुरानी परंपरा रही है।

जागरण संवाददाता, देहरादून : IMA POP 2022 : बात जब भी देश के सरहदों की हिफाजत की होती है तो इसमें उत्तराखंड का नाम सबसे पहले आता है।

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मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करना देवभूमि की पुरानी परंपरा रही है। सेना में सिपाही हो या फिर अधिकारी, उत्तराखंड का दबदबा कायम है।

भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) से सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर पास आउट होने वाले जेंटलमैन कैडेट की संख्या भी इस सच्चाई को बयां करती है। जनसंख्या घनत्व के हिसाब से देखें तो उत्तराखंड देश को सबसे अधिक जांबाज देने वाले राज्यों में शुमार है। दशकों पूर्व से ही यह परंपरा निरंतर चली आ रही है।

उत्तराखंडी युवाओं में देशभक्ति का जज्बा कूट-कूटकर भरा

इस बात में भी कोई अतिश्योक्ति नहीं कि उत्तराखंडी युवाओं में देशभक्ति का जज्बा कूट-कूटकर भरा हुआ है। सैन्य अकादमी में साल में दो बार यानी जून और दिसंबर में आयोजित होने वाली पासिंग आउट परेड में इसकी झलक देखने को मिलती है।

पिछले एक दशक के दौरान शायद ही ऐसी कोई पासिंग आउट परेड हो, जिसमें कदमताल करने वाले युवाओं में उत्तराखंडियों की तादाद अधिक न रही हो।

यहां यह बात गौर करने वाली है कि राज्य की आबादी देश की कुल आबादी का महज 0.84 प्रतिशत है। यदि इसकी तुलना सैन्य अकादमी से शनिवार को पासआउट होने वाले 314 भारतीय कैडेटों से करें तो इसमें राज्य के सहयोग का स्तर 29 कैडेटों के साथ नौ प्रतिशत है। इस मुकाबले अधिक जनसंख्या वाले राज्य भी उत्तराखंड के सामने कहीं ठहरते नहीं हैं।

उत्तर प्रदेश के कैडेटों की संख्या सबसे अधिक 51

पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के कैडेटों की संख्या भले ही सबसे अधिक 51 है, मगर इसकी तुलना वहां की आबादी के हिसाब से करें तो भारतीय सेना को जांबाज देने में अपना उत्तराखंड ही अव्वल नजर आता है, क्योंकि उप्र की आबादी का प्रतिशत देश की कुल आबादी का 16 प्रतिशत है, जो उत्तराखंड से कई गुणा अधिक है। बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र जैसे राज्य भी संख्या बल (पासिंग आउट कैडेट) में उत्तराखंड से पीछे हैं।

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प्रधानमंत्री के गृह राज्य से पांच कैडेट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात से सेना को इस बार पांच युवा अफसर मिलेंगे। अकादमी में इससे पहले हुई पीओपी के आंकड़े बताते हैं कि गुजरात से बहुत कम संख्या में ही युवा फौज ज्वाइन करते हैं।

पिछले दो साल से तो गुजरात का खाता तक नहीं खुल रहा था। पर इस बार यह सूखा टूट गया है। गोवा, मेघालय, सिक्किम, पुडु्चेरी व अंडमान निकोबार ऐसे राज्य हैं जहां से इस बार कोई कैडेट पास आउट नहीं हो रहा है।

किस राज्य से कितने कैडेट

  • राज्य-कैडेट
  • उत्तर प्रदेश-51
  • हरियाणा-30
  • उत्तराखंड-29
  • बिहार-24
  • महाराष्ट्र-21
  • पंजाब-21
  • हिमाचल प्रदेश-17
  • राजस्थान-16
  • मध्य प्रदेश-15
  • दिल्ली-13
  • केरल-10
  • कर्नाटक-09
  • जम्मू-कश्मीर-09
  • बंगाल- 08
  • तमिलनाड-ु07
  • गुजरात-05
  • छत्तीसगढ़-04
  • आंध्र प्रदेश-04
  • असम-04
  • मिजोरम-03
  • चंडीगढ़-02
  • तेलंगाना-02
  • छत्तीसगढ़-02
  • झारखंड-02
  • मणिपुर-02
  • उड़ीसा-01
  • अरुणाचल-01
  • लद्दाख-01
  • त्रिपुरा-01
  • नगालैंड -01
  • नेपाली मूल के भारतीय कैडेट-01

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