आइएमए की पासिंग आउट परेड: भारतीय सेना को मिले 319 जांबाज, 68 विदेशी कैडेट भी पास आउट
IMA Passing Out Parade भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में अंतिम पग भरते ही 319 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही 68 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने परेड की सलामी ली।

जागरण संवाददाता, देहरादून। IMA Passing Out Parade भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में अंतिम पग भरते ही 319 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इनके साथ ही 10 मित्र देशों के 68 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने परेड की सलामी ली। इस अवसर पर उन्होंने युवा सैन्य अफसरों से दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि युवा अधिकारियों को अप्रत्याशित चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।
- Prasar Bharati News Services (@pbns_india) 11 Dec 2021
शनिवार को आइएमए में आयोजित सादगीपूर्ण, लेकिन गरिमामय समारोह में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने नव सैन्य अधिकारियों को सीख देते हुए कहा कि आधुनिक दौर में खतरों से निपटने के लिए केवल शारीरिक व मानसिक मजबूती ही पर्याप्त नहीं है। सैन्य कौशल में सुधार के लिए मानसिक तौर पर लचीलापन भी जरूरी है।
राष्ट्रपति ने दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत को याद करते हुए कहा कि उनमें असाधारण नेतृत्व क्षमता थी। हम ऐसे वक्त पर यहां एकत्र हुए हैं, जब देश जनरल रावत के असामयिक निधन से सदमे में है।
आइएमए एक प्रेरक संस्थान है और जनरल रावत ने इसका गौरव बढ़ाया। उनसे पहले फील्ड मार्शल केएम करियप्पा और फील्ड मार्शल सैम मानेकशा जैसे कई असाधारण योद्धाओं ने यहीं से अपने सैन्य जीवन प्रारंभ किया। उन्होंने भरोसा जताया कि युवा अधिकारी भी अपनी वीरता और ज्ञान से अकादमी की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाएंगे। समारोह में राष्ट्रपति ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट को सम्मानित भी किया। साथ ही विदेशी कैडेट को बधाई दी।
इससे पहले राष्ट्रपति ने परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। राज्यपाल ले जनरल गुरमीत सिंह (सेनि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, आरट्रैक कमांडर ले. जनरल राज शुक्ला, आइएमए कमान्डेंट ले जनरल हरिंदर सिंह, डिप्टी कमान्डेंट मेजर जनरल आलोक जोशी, मुख्य सचिव डा. एसएस संधु, डीजीपी अशोक कुमार आदि मौजूद थे।
परेड ने किया मंत्रमुग्ध
सुबह आठ बजकर 50 मिनट पर मार्कर्स काल के साथ परेड शुरू हुई। भारत माता तेरी कसम तेरे रक्षक बनेंगे हम, आइएमए गीत पर कदमताल करते जेंटलमैन कैडेट ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे तो लगा कि विशाल सागर उमड़ आया है। एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हरेक नागरिक के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे। परेड के बाद निजाम पवेलियन में आयोजित पीपिंग व ओथ सेरेमनी में भाग लेने के बाद सभी जेंटलमैन कैडेट सेना में अफसर बन गए हैं।
स्वर्णिम विजय वर्ष पर बांग्लादेश मेडल
1971 युद्ध के पचास वर्ष होने (स्वर्णिम विजय वर्ष) पर पहली बार आइएमए में बांग्लादेश मेडल व ट्राफी शुरू की गई है। भूटान के सांगे फेनदेन दोरजी को पासिंग आउट बैच में सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट चुना गया। उन्हें बांग्लादेश मेडल से नवाजा गया है। बांग्लादेश ट्राफी भी उन्हें ही प्रदान की गई है।
इन्हें मिला अवार्ड
स्वार्ड आफ आनर- अनमोल गुरुंग
स्वर्ण पदक - अनमोल गुरुंग
रजत पदक- तुषार सपरा
रजत पदक - कुनाल चौबिसा (टीजी)
कांस्य पदक - आयुष रंजन
चीफ आफ आर्मी स्टाफ बैनर- केरेन कंपनी
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