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    Siddcul Scam: सिडकुल घोटाले की जांच में तेजी, हर महीने दो मामलों का होगा निस्तारण

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    Updated: Sat, 08 Aug 2020 03:07 PM (IST)

    Siddcul Scam आइजी गढ़वाल रेंज अभिनव कुमार ने एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम) के जांच अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर महीने कम से कम दो मामलों का निस्तारण किया जाए।

    Siddcul Scam: सिडकुल घोटाले की जांच में तेजी, हर महीने दो मामलों का होगा निस्तारण

    देहरादून, जेएनएन। Siddcul Scam सिडकुल में निर्माण कार्यों में हुए घोटाले की जांच तेजी पकड़ने लगी है। आइजी गढ़वाल रेंज अभिनव कुमार ने एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम) के जांच अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर महीने कम से कम दो मामलों का निस्तारण किया जाए। इस संबंधी अगली समीक्षा बैठक 29 अगस्त हो होगी। 

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    वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई समीक्षा बैठक में शुक्रवार को आइजी ने एसआइटी को निर्माण कार्यों की टेंडर प्रक्रिया, काम स्वीकृति के दौरान प्रक्रिया सही थी या गलत, टेंडरिंग प्रक्रिया में नियमों का पालन किया गया या नहीं, काम की गुणवत्ता, नियुक्तियों के समय पद स्वीकृत थे या नहीं, किस अधिकारी के स्तर पर पद स्वीकृत किए गए, इंटरव्यू के दौरान चयन प्रक्रिया की जांच करने के निर्देश दिए। उन्होने एसआइटी को जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के साथ ही तकनीकी, विधिक, वित्तीय विशेषज्ञों की सलाह लेने को कहा। 
    इसके अलावा जनपद ऊधमसिंह नगर से 10 निर्माण कार्यो को जांच के लिए अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और नैनीताल जिलों को सौंपा गया है। समीक्षा बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ऊधमसिंह नगर दलीप सिंह कुंवर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अल्मोड़ा प्रहलाद मीणा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल सुनील मीणा, पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़ प्रीति प्रियदर्शिनी, अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार प्रदीप कुमार राय, अपर पुलिस अधीक्षक ऊधमसिंह नगर देवेंद्र सिंह पींचा, पुलिस क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश भूपेंद्र सिंह धौनी आदि मौजूद रहे। 2012 से 2017 के बीच हुए थे निर्माण कार्य 2012 से वर्ष 2017 के बीच सिडकुल की ओर से उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों में निर्माण कार्य कराए गए, जिनमें मानकों के विपरीत उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएनएल) को ठेके दिए गए थे। 
    निर्माण कार्यों का ऑडिट कराए जाने पर घोर अनियमितता, सरकारी धन के दुरुपयोग, वेतन निर्धारण और विभिन्न पदों पर भर्ती संबंधी अनियमितता के मामले सामने आए। शासन ने इसका संज्ञान लेते हुए जांच के लिए फरवरी 2019 को आइजी गढ़वाल रेंज की अध्यक्षता में एसआइटी का गठन किया। पत्रावली गायब तो मुकदमा दर्ज आइजी ने कहा कि जांच के दौरान यदि कोई अधिकारी सहयोग नहीं करता या पत्रावली गायब होने की बात करता है तो उसके खिलाफ तुरंत मुकदमा दर्ज कराया जाए। 
    वहीं, जिन अधिकारियों के कार्यकाल में निर्माण कार्य हुए और वह सेवानिवृत्त हो गए हैं तो उनसे भी पूछताछ की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जांच के दौरान एसआइटी का कोई अधिकारी गलत व्यवहार करता है तो इसकी शिकायत करें, मामले की निष्पक्ष जांच होगी। 
    इन जनपदों में हुए कार्यों की हो रही जांच 
    जनपद, कार्य 
    यूएस नगर, 129 
    हरिद्वार, 32 
    देहरादून, 162 
    पौड़ी गढ़वाल,12

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