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    Siddcul Scam: 22 तक नहीं दिए घोटाले के दस्तावेज, तो दर्ज होगा मुकदमा; जानिए पूरा मामला

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Wed, 09 Sep 2020 02:22 PM (IST)

    पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र अभिनव कुमार ने घोटाले में सिडकुल और यूपीआरएनएन को दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए 22 सितंबर तक का समय दिया है

    Siddcul Scam: 22 तक नहीं दिए घोटाले के दस्तावेज, तो दर्ज होगा मुकदमा; जानिए पूरा मामला

    देहरादून, जेएनएन। राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (सिडकुल) के विभिन्न कार्यों में हुए घोटाले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) को अब तक मेजरमेंट बुक और बिल बुक उपलब्ध नहीं कराई गई है। इसके अलावा भी सिडकुल और उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) ने घोटाले से संबंधित कई दस्तावेज एसआइटी को नहीं दिए हैं। इसको गंभीरता से लेते हुए पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र अभिनव कुमार ने सिडकुल और यूपीआरएनएन को दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए 22 सितंबर तक का समय दिया है। उन्होंने कहा कि अगर निर्धारित तिथि तक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए या दस्तावेज गायब होने की बात सामने आई तो सिडकुल और यूपीआरएनएन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।  

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    पुलिस महानिरीक्षक ने मंगलवार को एसआइटी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से घोटाले से संबंधित 20 पत्रावलियों की समीक्षा की। इसमें जनपद देहरादून की छह, हरिद्वार की तीन, ऊधमसिंह नगर की छह, नैनीताल की दो, अल्मोड़ा की एक और पिथौरागढ़ जनपद की दो पत्रावलियां शामिल थीं। समीक्षा के दौरान जांच अधिकारियों ने बताया कि सिडकुल और यूपीआरएनएन की ओर से मेजरमेंट और बिल बुक उपलब्ध नहीं कराई जा रही। पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि दस्तावेजों में कोई गड़बड़ी पाई जाए तो उनकी फोरेंसिंक लैब से जांच कराएं।

    समीक्षा में अपर पुलिस अधीक्षक अपराध ऊधमसिंह नगर प्रमोद कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक नैनीताल राजीव मोहन, पुलिस अधीक्षक नगर हरिद्वार कमलेश उपाध्याय, पुलिस उपाधीक्षक अल्मोड़ा वीर सिंह, पुलिस उपाधीक्षक देहरादून पल्लवी त्यागी समेत अन्य जिलों के जांच अधिकारी मौजूद रहे।

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    एक माह में निपटाएं भर्ती प्रक्रिया और वेतन संबंधी जांच

    पुलिस महानिरीक्षक अभिनव कुमार ने विवेचकों से देहरादून में हुई भर्ती और वेतन निर्धारण की जांच एक माह में पूरी करने को कहा है। भर्ती के दौरान नियमों का पालन किया गया या नहीं, किस अधिकारी की देखरेख में भर्ती की गई, वेतन में कोई गड़बड़ियां तो नहीं हुई, पुलिस महानिरीक्षक ने इन बिंदुओं पर गंभीरता से जांच करने को कहा है।

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