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    Loan Scam: 20 करोड़ रुपये के लोन घोटाले में दर्ज हुए दो मुकदमे

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Thu, 03 Sep 2020 12:21 PM (IST)

    Loan Scam पंजाब नेशनल बैंक सूर्यनगर ब्रांच आगरा में हुए 20 करोड़ के लोन घोटाले में सीबीआइ ने बुधवार को दो मुकदमे दर्ज किए हैं।

    Loan Scam: 20 करोड़ रुपये के लोन घोटाले में दर्ज हुए दो मुकदमे

    देहरादून, जेएनएन। Loan Scam पंजाब नेशनल बैंक सूर्यनगर ब्रांच, आगरा में हुए 20 करोड़ रुपये के लोन घोटाले में सीबीआइ ने बुधवार को दो मुकदमे दर्ज किए हैं। मुकदमे में बैंक अधिकारी व कर्मचारी समेत बैंक के पैनल में शामिल वकील, गारंटर व अन्य कई को आरोपित बनाया गया है। मुकदमा बैंक के चीफ मैनेजर की तहरीर पर दर्ज किया गया है।

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    सीबीआइ देहरादून में दर्ज एफआइआर के अनुसार, टाइल्स कारोबारी दीपक कालरा ने करीब दो साल पहले सूर्यनगर शाखा में 10 करोड़ के सीसी लोन को आवेदन किया। बैंक से पैनल वकील अनिल कुमार शर्मा, दिनेश कुमार शर्मा दोनों निवासी सिविल कोर्ट गाजियाबाद, रमेशचंद्र जैन, आरसी जैन एंड एसोसिएट, नेहरूग्राम गाजियाबाद, एमएस अशोक सेनेटरी तथा बैंक अधिकारी और कर्मचारियों के साथ मिलकर बैंक लोन प्राप्त किया। इसी तरह मोनिका रानी निवासी संतनगर, दिल्ली ने अपनी फर्म के नाम पर 2017 में 10 करोड़ की सीसी लोन लिया।

    इसमें भी सूर्यनगर ब्रांच आगरा के अज्ञात बैंक अधिकारी और कर्मचारी के अलावा राजीव मेहता, अनिल कुमार शर्मा, हरिप्रिया एसोसिएट्स, वीरेंद्र प्रसाद सिंह की मिलीभगत सामने आई। इन्हें 2018 में 10 करोड़ लोन जारी कर दिया गया। लोन में गड़बड़ी की आशंका होने पर पीएनबी के चीफ मैनेजर नितिन कुमार पांडेय ने लखनऊ सीबीआइ से अगस्त के पहले सप्ताह में शिकायत दी थी। जिसे जांच में सीबीआइ ने सही पाया।

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    कैंटीन का ठेका दिलाने के नाम पर साढ़े सात लाख ठगे

    रुड़की के एक निजी विश्वविद्यालय में कैंटीन का ठेका दिलाने के नाम पर साढ़े सात लाख रुपये की ठगी कर ली गई। डालनवाला पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अंकुर गर्ग की कुछ महीने पहले मुलाकात विक्रम चौहान निवासी सहारनपुर से हुई। विक्रम ने उसे नरेंद्र कुमार निवासी रुड़की से मिलवाया। कहा कि वह दोनों क्वान्टम यूनिवर्सिटी में कैंटीन चलाते हैं और उसमें पैसो की जरूरत है। वह अगर साढ़े सात लाख रुपये दे दे तो मई 2019 से वह ठेका उसे दिलवा देगा। रुपये देने का बाद ठेका नहीं मिला तो विक्रम ने पैसे वापस मांगे, मगर दोनों जान से मारने की धमकी देने लगे।

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