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    News For Dog Lovers: अगर आप हैं कुत्ते पालने के शौकीन तो ये खबर बेहद जरूरी, जान लें नए नियम भी

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Wed, 29 Sep 2021 06:15 PM (IST)

    News For Dog Lovers पालतू कुत्तों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर नगर निगम ने इनकी अधिकतम संख्या तय करने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। अभी यह प्रस्ताव नगर निगम कार्यकारिणी बैठक में मंजूर किया है और निगम बोर्ड की मुहर लगना बाकी है।

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    अगर आप हैं कुत्ते पालने के शौकीन तो ये खबर बेहद जरूरी है।

    अंकुर अग्रवाल, देहरादून। News For Dog Lovers अगर आप कुत्ता पालने के शौकीन हैं तो आपको नए नियमों के तहत अधिकतम दो या तीन कुत्ते पालने की ही इजाजत मिलेगी। पालतू कुत्तों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर नगर निगम ने इनकी अधिकतम संख्या तय करने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। अभी यह प्रस्ताव नगर निगम कार्यकारिणी बैठक में मंजूर किया है और निगम बोर्ड की मुहर लगना बाकी है, लेकिन निगम प्रशासन की मानें तो समस्या इतनी बड़ी हो चुकी है कि नए नियम लागू करने ही होंगे। ऐसे में बोर्ड बैठक जल्द बुलाकर इस मामले पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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    नगर निगम की ओर से कराए गए सर्वे में शहर में पालतू कुत्तों की संख्या लगभग 35 हजार अनुमानित मानी गई है, जबकि निगम से लाइसेंस सिर्फ 980 पालतू कुत्तों के जारी हुए हैं। लाइसेंस की संख्या भी गत जनवरी के बाद बढ़ी जब निगम ने सख्ती शुरू की। उससे पहले महज 65 लाइसेंस बने हुए थे। नगर निगम ने वर्ष 2014 में पालतू कुत्तों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की थी, बावजूद इसके लोग लाइसेंस बनवाने को तैयार नहीं हैं।

    इस बीच गत जनवरी से नगर निगम के वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डा. दिनेश चंद्र तिवारी ने लाइसेंस की प्रक्रिया में सख्ती की तो पता चला कि कईं घर ऐसे हैं, जहां चार या पांच नहीं बल्कि आठ से दस कुत्ते पाले हुए हैं। जब निगम टीमें शहर में सर्वे करने पहुंची तो आस-पड़ोस के जन ने शिकायतों का अंबार लगा दिया। किसी की नींद उजड़ रही थी तो किसी के घर के बाहर कुत्तों की शौच की गंदगी की समस्या।

    इसके अलावा करीब तीन दर्जन शिकायतें महापौर सुनील उनियाल गामा या निगम के कार्यालय में भी पहुंची, जिसके बाद निगम प्रशासन इस मामले को मंगलवार को कराई गई कार्यकारिणी बैठक में लाया। बैठक की अध्यक्षता कर रहे महापौर व सदस्य पार्षदों ने शिकायत को उचित बताया। पार्षदों ने भी कहा कि अकसर लोग उनके यहां भी ऐसी शिकायत लेकर आते हैं, लेकिन कोई नियम नहीं होने के कारण वह भी मजबूर होते हैं।

    ऐसे में प्रस्ताव लाया गया कि घरों में पालतू कुत्तों की संख्या निर्धारित होनी चाहिए। इस पर पशु चिकित्साधिकारी डा. डीसी तिवारी ने अधिकतम संख्या दो या तीन का प्रस्ताव रखा, जिसे कार्यकारिणी ने मंजूर कर लिया। नगर आयुक्त अभिषेक रूहेला ने बताया कि अब निगम बोर्ड से इस प्रस्ताव को स्वीकृत कराकर शहर में लागू किया जाएगा।

    शिकायतों में आरोप

    -घर में आठ-दस पालतू कुत्ते होने और रात को उनके भौंकने की वजह से पड़ोसी की नींद में पड़ता है दखल।

    -सड़क या फुटपाथ पर कुत्तों को कराया जाता है शौच, फैलती है गंदगी।

    -शहर में सुबह-शाम सैर के लिए लोग अपने साथ गले में चेन-पट्टा डाले आधा दर्जन से अधिक पालतू कुत्ते लेकर चलते हैं। कुत्ते न केवल जगह-जगह गंदगी करते हैं बल्कि दूसरे जन पर गुर्राते हैं।

    -कुत्ता मालिक आस-पड़ोस वालों पर रौब गालिब करते हैं और विरोध पर कुत्ता पीछे छोड़ देते हैं।

    -कईं दफा बिना पट्टा बांधे कुत्ते सड़क पर दूसरे व्यक्तियों पर झपट्टा मारते हैं।

    -पड़ोसी के यहां मेहमान आते हैं तो कुत्तों की वजह से होती है असहजता।

    -घर में निजी कार्यक्रम होने पर पड़ोसी के कुत्ते भौंक-भौंककर करते हैं व्यवधान।

    लाइसेंस बनाना अनिवार्य

    अगर आपने अपने पालतू कुत्ते का नगर निगम में पंजीकरण नहीं कराया है तो जल्द करा लें। निगम ने जुर्माने की कार्रवाई शुरू कर दी है। चार टीम गठित की गई हैं। यह टीमें सुबह-शाम शहरभर में घूमकर पालतू कुत्तों की तलाश करेंगी और पंजीकरण नहीं होने पर संबंधित मालिक का पांच सौ रुपये का चालान किया जाएगा। दूसरी बार पकड़े जाने पर पांच हजार रुपये का चालान और तीसरी बार मुकदमे की कार्रवाई होगी।

    आवारा कुत्तों का भी है आतंक

    शहर में पालतू कुत्तों के अलावा आवारा कुत्तों का आतंक भी कम नहीं है। आमजन में शाम ढलते ही इनका खौफ पसर जाता है और लोग किसी तरह बचते-बचाते घर तक पहुंचते हैं। मुख्य सड़क व गली-मोहल्ले में आवारा कुत्तों की संख्या 50 हजार से ऊपर बताई जा रही। कारगी, बंजारावाला, तिलक रोड, सुभाषनगर, क्लेमेनटाउन, मोथरोवाला, देहराखास, चंद्रबनी, रेसकोर्स, नेशविला एवं कालीदास रोड, झंडा मोहल्ला, वसंत विहार, पंडितवाड़ी जैसे सभी इलाकों में शाम ढलते ही कुत्तों का इस कदर आतंक फैल जाता है कि घर से बाहर जाने में आमजन को खौफ लगता है।

    देर शाम ट्यूशन पढ़कर लौट रहे बच्चे हों या देर रात कार्यालय या दुकान से घर पहुंचने वाले लोग, हर कोई किसी तरह बचते-बचाते ही घर पहुंचता है। नगर निगम अपने एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में शहर के करीब 30 हजार आवारा कुत्तों की नसबंदी कर चुका है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार कुत्ते को फिर उसी जगह छोड़ना पड़ता है, जहां से उसे उठाया था।

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    महापौर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि पालतू कुत्तों का पंजीकरण नहीं कराने वालों पर कार्रवाई के लिए चार टीमें गठित की गई हैं। इसमें पहली बार में 500 रुपये व दूसरी बार में 5000 रुपये चालान होगा। यदि तब भी मालिक ने पंजीकरण न कराया तो मुकदमे की कार्रवाई की जाएगी। निगम की टीमें सुबह-शाम शहर में घूमकर पालतू कुत्तों का पता लगाएंगी। पालतू कुत्ते पालने की अधिकतम संख्या भी तय की जा रही। यह अधिकतम दो या तीन रहेगी।

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