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    कितने सुरक्षित स्‍कूल: ज्ञान की बगिया में लापरवाही के कांटे, कहीं कमरों में सीलन; कहीं आंगन में उगी झाड़ियां

    Updated: Sun, 10 Aug 2025 05:01 PM (IST)

    ऋषिकेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों की हालत खस्ता है। भवन जर्जर हैं कमरों में सीलन है और शौचालय बदहाल हैं। राजकीय प्राथमिक विद्यालय प्रतीतनगर में पुराना भवन बच्चों के लिए खतरा बना हुआ है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय रायवाला गांव में खेल मैदान में झाड़ियां उगी हैं। शिक्षा विभाग की लापरवाही से स्कूलों की हालत खराब है। अधिकारियों का कहना है जर्जर भवनों की सूची शासन को भेजी जाएगी।

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    उत्‍तराखंड में प्राथमिक स्कूलों को लावारिस छोड़ दिया गया है। जागरण

    दीपक जोशी, रायवाला (देहरादून)। प्राथमिक स्कूलों को लावारिस छोड़ दिया गया है। बच्चों को उन्‍हीं के हाल में पढ़ने को मजबूर किया गया है। कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार है। ऋषिकेश के ग्रामीण क्षेत्र के ज्यादातर सरकारी विद्यालयों की स्थिति खराब है। भवन जर्जर और खस्ताहाल हैं। कमरे सीलन से भरे हैं। छते टपक रही हैं। आंगन में झाड़ियां उग आई हैं। शौचालय बदहाल हैं। पनी की व्यवस्था तक नहीं है।

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    इन विद्यालयों में शिक्षा की रोशनी की बात से पहले बच्चों की जान और सुरक्षा को चिंता जरूरी है। इन पर सरकारी जगना लगा है, इसलिए इस पर कोई गौर करने वाला भी नहीं है। बच्चों की जान पर बने तो बने, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को कोई परवाह नहीं। सबकी अपनी डफली और अपना राग है।

    राजकीय प्राथमिक विद्यालय प्रतीतनगर

    यहां अस्सी के दशक में प्राथमिक स्कूल की स्थापना हुई थी। उस समय बना भवन समय के साथ जर्जर होता गया। वर्ष 2015-16 में जहा नया भवन बना, मगर पुराने भवन का ध्‍वस्तीकरण नहीं किया गया। यह भवन बच्चों की जान की लिए बड़ा खतरा है।

    स्कूल में 35 बच्चे पढ़ते हैं। विद्यालय के परिसर में ही आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित है। ग्राम प्रधान राजेश ने बताया कि विभागीय लापरवाही के चलते सरकारी स्कूल की दशा खराब होती जा रही है।

    शिक्षा से पहले बच्चों की सुरक्षा की ठोस व्यवस्था जरूरी है। इस बारे में अधिकारियों से बात की जाएगी।

    राजकीय प्राथमिक विद्यालय रायवाला गांव

    अस्सी के दशक में बने विद्यालय भवन की हालत देख कर लगता है कि वर्षों से इस पर रंग रोगन नहीं हुआ। स्कूल भठन पर बेल लिपटी हुई है। खेल मैदान में झाड़िया उगी हैं। बच्चों के खेलने के लिए मैदान में लगे झूले आदि जंक खा रहे हैं। सूखा दरसल बच्चों की जान के लिए खतरा है। यहां आधे अधूरे बने शौचालय सरकारी तंत्र की लापरवाही खुद उजागर कर रहे हैं।

    ग्राम प्रधान सागर गिरि ने बताया कि शिक्षा विभाग स्कूलों की देखरेख के प्रति बेहद लापरवाह बना हुआ है। बड़े अधिकारी निरीक्षण के लिए नहीं आते हैं। पंचायत के साथ समन्वय बनाकर काम होना चाहिए। जल्द इस बारे में विभागीय अधिकारियों से बात की जाएगी।

    प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया गया है कि असुरक्षित कक्ष-कक्षों का उपयोग न किया जाए, उनमें बच्‍चों को कतई न बैठाएं। साथ ही स्कूलों से जर्जर भवनों की सूची मंगाई गई है। जल्द ही सूची शासन की प्रेषित की जाएगी, ताकि आवश्यकतानुसार निर्माण अथवा मरम्मत कार्य कराया जा सके। - विनोद कुमार ढौंडियाल, मुख्‍य शिक्षाधिकारी, देहरादून