Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आपदाग्रस्त जोशीमठ में नहीं टूटेंगे घर, CM धामी ने कहा- बाजार दर पर दिया जाएगा मुआवजा

    By Jagran NewsEdited By: Anil Pandey
    Updated: Thu, 12 Jan 2023 08:32 AM (IST)

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह एलान किया कि किसी भी घर को तोडऩे का न कोई निर्णय हुआ है और न ऐसा कदम भविष्य में उठाया जाएगा। केवल अपरिहार्य होने पर ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी और वह भी भवन स्वामी की सहमति से।

    Hero Image
    जोशीमठ में आपदा प्रभावित लोगों का हाल जानते सीएम धामी। जागरण

    राज्य ब्यूरो, देहरादून: चीन सीमा से सटे सीमांत चमोली जिले के आपदाग्रस्त जोशीमठ शहर में घर नहीं तोड़े जाएंगे। साथ ही प्रभावितों को बाजार दर पर मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को यह एलान किया। उन्होंने कहा, ‘किसी भी घर को तोडऩे का न कोई निर्णय हुआ है और न ऐसा कदम भविष्य में उठाया जाएगा। केवल अपरिहार्य होने पर ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी और वह भी भवन स्वामी की सहमति से। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को बाजार दर पर मुआवजा देने के लिए हितधारकों से सुझाव लेकर और जनहित में यह दर घोषित की जाएगी। मुख्यमंत्री धामी बुधवार शाम को अपने सभी कार्यक्रम रद कर जोशीमठ पहुंच गए। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री को फोन कर जोशीमठ की स्थिति पर अपडेट लिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी मुख्यमंत्री को फोन किया। उधर, जोशीमठ में राहत कार्य निरंतर जारी हैं। राहत, पुनर्वास समेत सभी प्रकार के कार्यों के लिए अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में शासन स्तर पर उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित कर दी गई है। इसके अलावा मंडलायुक्त सुशील कुमार की अध्यक्षता में भी एक समिति बनाई गई है, ताकि समन्वय के साथ कार्य तेजी से आगे बढ़ सकें। यही नहीं, जोशीमठ में विभिन्न संस्थानों के विज्ञानी भूधंसाव के कारणों की तह तक जाने को जांच में जुटे हुए हैं।

    भूकंप अथवा अन्य कारणों से भूमि में कंपन की जांच को दो सिस्मोग्राफिक स्टेशन स्थापित किए गए हैं। इस बीच जोशीमठ में फूटी जलधाराओं में पानी का बहाव कम होने की बात सामने आई है। मौसम की चुनौती से निबटने के लिए पीपलकोटी के अलावा शहर के सुरक्षित क्षेत्र के होटल समेत अन्य भवन चिह्नित किए गए हैं। जरूरत पडऩे पर वाटरप्रूफ टेंट की व्यवस्था भी की गई है। भूधंसाव का दंश झेल रहे जोशीमठ में राहत कार्य तेज किए गए हैं। दरारें पडऩे से जर्जर भवनों का चिह्नीकरण चल रहा है तो प्रभावितों को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर राहत शिविरों में विस्थापित किया जा रहा है।

    सरकार ने पूरी मशीनरी को जोशीमठ में झोंका हुआ है। तमाम केंद्रीय संस्थानों के विज्ञानी वहां जांच कार्यों में जुटे हुए हैं। जोशीमठ के डेंजर जोन में स्थित दो होटलों के बहुमंजिला भवनों को सीबीआरआइ के विज्ञानियों के मार्गदर्शन में हटाने का निर्णय लिया गया है। बीते दिवस यह कार्रवाई शुरू होनी थी, लेकिन व्यापारियों के विरोध के चलते ऐसा नहीं हो पाया था। इसी बीच यह मांग उठी कि भवनों का मूल्यांकन करने के बाद बाजार दर पर भवन स्वामियों को मुआवजा दिया जाए। सरकार ने भी इसे स्वीकारा है। वहीं, जोशीमठ बचाने के लिए वहां धरना-प्रदर्शन का क्रम भी बना हुआ है।