अब देना ही होगा होमगार्ड्स को बढ़ा हुआ वेतन, जानिए कितना मिलेगा
अब होमगार्ड्स को बढ़ा हुआ वेतन देना ही होगा। केंद्र की ओर से प्रदेश सरकार को इस संबंध में दिए गए दिशा निर्देशों के बाद कवायद शुरू हो गई है।
देहरादून, [विकास गुसाईं]: उत्तराखंड में तैनात होमगार्ड को निकट भविष्य में पुलिस कांस्टेबल की तरह कार्य करने पर समान वेतन देने के संबंध में कवायद शुरू हो गई है। केंद्र की ओर से प्रदेश सरकार को इस संबंध में दिए गए दिशा निर्देशों के बाद अब अब यह देखा जा रहा है कि वेतन बढ़ाने के बाद प्रदेश सरकार पर कितना अतिरिक्त भार पड़ेगा। माना जा रहा है कि यदि होमगार्ड्स का वेतन बढ़ाया गया तो सरकार को एक होमगार्ड को कम से कम 25 हजार रुपये तक देने होंगे। हालांकि, पूरा मसौदा तैयार कर इसे कैबिनेट के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
प्रदेश में अभी विभिन्न विभागों में साढ़े छह हजार से अधिक होमगार्ड्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन विभागों में पुलिस, परिवहन, सचिवालय व संचार आदि शामिल हैं। इन होमगार्ड्स से सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त रखने के साथ ही विभागों में सुरक्षा एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का कार्य लिया जा रहा है। अभी इन्हें 450 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय दिया जाता है।
होमगार्ड्स के लिए बने नियमों के अनुसार पुलिस के सहायक के रूप में सेवा देने पर इन्हें पुलिस के समान ही अधिकार व सुविधाएं दिए जाने का जिक्र है। तकरीबन दो वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में होमगार्ड्स को पुलिस के समान वेतन दिए जाने का निर्णय सुनाया था। कुछ राज्यों ने इसका अनुपालन किया और कुछ ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया।
इसी क्रम में केंद्र ने अब सभी राज्यों को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का अनुपालन करने को लेकर पत्र लिखा है। ऐसा ही पत्र उत्तराखंड सरकार को भी मिला है। इस पत्र के मिलने के बाद अब सरकार यहां होमगार्ड्स को पुलिस कर्मियों के समान वेतन देने को लेकर कवायद में जुट गई है। अभी यह देखा जा रहा है कि होमगार्ड्स का वेतन बढ़ाने बढ़ाने से राज्य पर कितना आर्थिक भार पड़ेगा।
माना यह जा रहा है कि प्रदेश सरकार इस अतिरिक्त व्ययभार की पूर्ति के लिए केंद्र से भी अनुरोध कर सकती है। प्रमुख सचिव गृह आनंद वर्द्धन का कहना है कि इस संबंध में पत्रावली तैयार की जा रही है। वेतन के संबंध में जो भी निर्णय होगा वह उच्च स्तर से ही लिया जाएगा।
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