Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तराखंड: सरकारी स्कूलों में गृह परीक्षाएं 22 अप्रैल से, ग्रीष्मकालीन अवकाश से पहले नतीजे भी होंगे घोषित

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Sun, 28 Feb 2021 07:17 AM (IST)

    उत्तराखंड के राजकीय और अशासकीय (सहायता प्राप्त) विद्यालयों में गृह परीक्षाओं का कार्यक्रम निर्धारित कर दिया गया है। यहां गृह परीक्षाएं 22 अप्रैल से शुरू हो सकेंगी। शासन ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं।

    Hero Image
    सरकारी स्कूलों में गृह परीक्षाएं 22 अप्रैल से।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड के राजकीय और अशासकीय (सहायता प्राप्त) विद्यालयों में गृह परीक्षाओं का कार्यक्रम निर्धारित कर दिया गया है। गृह परीक्षाएं 22 अप्रैल से शुरू हो सकेंगी। शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। इसके मुताबिक गृह परीक्षा व मूल्यांकन सभी स्कूल अपनी सुविधानुसार 22 अप्रैल से 25 मई के बीच करा सकेंगे। स्कूल अपनी सुविधानुसार आनलाइन अथवा आफलाइन गृह परीक्षाएं करा सकेंगे। ग्रीष्मकालीन अवकाश से पहले परीक्षा के नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शिक्षा निदेशालय ने कुछ समय पहले वार्षिक परीक्षाएं कराए जाने के संबंध में प्रस्ताव शासन को भेजा था। इसमें बताया गया कि फरवरी के बाद कक्षा छह से नौ व कक्षा 11 में भौतिक पढ़ाई नहीं हुई है, जबकि एक से पांच तक की कक्षाएं शुरू ही नहीं हो पाई। ऐसे में उपलब्ध संसाधनों के आधार पर आनलाइन अथवा आफलाइन परीक्षाएं कराई जाएं। इस प्रस्ताव पर मंथन के बाद अब सचिव शिक्षा आर मीनाक्षी सुंदरम ने गृह परीक्षा कराने के संबंध में आदेश जारी कर दिए।

    आदेश में कहा गया है कि जूनियर हाईस्कूलों में परीक्षा व मूल्यांकन का कार्य बोर्ड परीक्षा की अवधि में संपादित कराया जाए। ऐसे हाईस्कूल व इंटर कालेज, जहां बोर्ड परीक्षाओं के केंद्र नहीं बने हैं और वहां गृह परीक्षा कराने के लिए पर्याप्त शिक्षक हैं तो वहां बोर्ड परीक्षा की अवधि में वार्षिक गृह परीक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं। आदेश में यह साफ किया गया है कि स्कूलों द्वारा छात्रों को जितनी पढ़ाई कराई गई है, उसी के आधार पर प्रश्नपत्र तैयार किए जाएं। 

    सर्व शिक्षा अभियान के तहत कक्षा एक से पांच तक के छात्रों को दी गई वर्कशीट के आधार पर उन्हें उत्तीर्ण कर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाए। उन्हें अगली कक्षा में उपचारात्मक शिक्षा देते हुए उनके शैक्षिक स्तर को कक्षा के अनुरूप किया जाए। जिन स्कूलों में भौतिक उपस्थिति के माध्यम से परीक्षाएं कराया जाना प्रस्तावित हो तो संबंधित जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारी और संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य की यह जिम्मेदारी होगी कि वे कोविड-19 संक्रमण के मद्देनजर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश व एसओपी का अनुपालन कराएं।

    यह भी पढ़ें- देहरादून में आरटीई पंजीकरण से जी चुरा रहे निजी स्कूल, पढ़िए पूरी खबर

    Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें