आरओबी की एप्रोच रोड पर आई दरार, राजमार्ग खंड ने बंद कराया सीवरेज का काम
हरिद्वार बाईपास स्थित रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) की एप्रोच रोड पर आई सूक्ष्म दरार के बाद राजमार्ग खंड के अधिकारियों ने सीवरेज का काम बंद करा दिया है।
देहरादून, जेएनएन। हरिद्वार बाईपास स्थित रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) की एप्रोच रोड पर आई सूक्ष्म दरार के बाद राजमार्ग खंड के अधिकारियों ने सीवरेज का काम बंद करा दिया है। साथ ही खोदाई कर एप्रोच रोड के नीचे बनाई गई 1.5 फीट व्यास की सुरंग का मुहाना भी बंद कर दिया, ताकि इसमें पानी न भरने पाए और एप्रोच रोड को धंसने से रोका जा सके।
पेयजल निगम ने एप्रोच रोड के नीचे से सीवर लाइन को आर-पार कराने के लिए बिना अनुमति खोदाई कर 100 मीटर से अधिक लंबी सुरंग बना दी थी। इस सुरंग से एप्रोच रोड के नीचे बारिश का पानी भरता चला गया और 13 से 14 अगस्त के बीच इसके ऊपरी भाग (रिस्पना पुल से आइएसबीटी जाते हुए दायीं लेन) पर हल्का धंसाव होने के साथ सूक्ष्म दरार भी उभर आई थी।
इस मामले में राजमार्ग खंड डोईवाला ने पेयजल निगम से जवाब तलब करते हुए 14 अगस्त को 60 लाख रुपये जमा कराने का नोटिस भी जारी कर दिया था। राजमार्ग खंड के सहायक अभियंता प्रवीण सक्सेना ने बताया कि जवाब संतोषजनक न पाए जाने के बाद जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआइआर भी दर्ज कराई जा सकती है। आरओबी की एप्रोच रोड पर उभरी हल्की दरार से बारिश का पानी भीतर न घुस पाए, इसके लिए तारकोल का घोल डालकर एक परत चढ़ा दी गई है। उन्होंने बताया कि यह जनहित से जुड़ा काम है, लिहाजा निगम को बरसात के बाद सीवर लाइन बिछाने की अनुमति दे दी जाएगी। आरओबी में आए धंसाव को दुरुस्त करने के लिए जो खर्च आएगा, उसकी भरपाई पेयजल निगम करेगा।
2016 में मिली थी अनुमति, खोदाई अब की
जिस सीवर लाइन को बाईपास रोड से आर-पार कराने के लिए खोदाई की गई है, उसकी अनुमति पेयजल निगम ने वर्ष 2016 में राजमार्ग खंड से मांगी थी। तब यहां आरओबी का निर्माण भी शुरू नहीं किया गया था। राजमार्ग खंड ने यह कहते हुए तत्काल अनुमति दे दी थी कि आरओबी का काम शुरू होने से पहले सीवर लाइन बिछा दी जाए। हालांकि, अनुमति मिलने के बाद भी काम शुरू नहीं किया जा सका।
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पेयजल निगम को सीवर लाइन बिछाने की याद मार्च 2019 में तब आई, जब आरओबी तैयार हो गया था। उस समय तत्कालीन जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन की मध्यस्थता में पेयजल निगम व राजमार्ग अधिकारियों की बैठक भी बुलाई गई थी। इसके कुछ महीने बाद निगम ने जुलाई 2019 में ब्रिज की एप्रोच रोड के नीचे से खोदाई की अनुमति मांगी। वर्षाकाल को देखते हुए अनुमति नहीं दी गई। अब निगम ने 27 जुलाई को फिर पत्र लिखकर खोदाई की अनुमति मांगी। इस बार भी वर्षाकाल को देखते हुए अनुमति नहीं दी गई।
मदन कौशिक (आवास एवं शहरी विकास मंत्री) का कहना है कि दून के ड्रेनेज प्लान के लिए फिर से कवायद की जा रही है। यह समस्या काफी गंभीर हो चुकी है, लिहाजा इसका समाधान खोजना जरूरी है। शासन स्तर पर इस संबंध में जल्द बैठक बुलाकर दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।
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