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    दून में 246 अतिक्रमण चिह्नित, ध्वस्तीकरण पर मांगी न्यायिक राय

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    Updated: Sat, 07 Jul 2018 05:09 PM (IST)

    हाईकोर्ट के आदेश पर शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान टीम ने 246 नए अतिक्रमण चिह्नित किए हैं। विधिक राय मिलने के बाद ही प्रशासन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगा।

    दून में 246 अतिक्रमण चिह्नित, ध्वस्तीकरण पर मांगी न्यायिक राय

    देहरादून, [जेएनएन]: हाईकोर्ट के आदेश पर शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान टीम ने 246 नए अतिक्रमण चिह्नित किए हैं। इस दौरान शासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर न्यायिक राय मांगी गई है। ताकि भविष्य में आदेश को लेकर गफलत की स्थिति न रहे। इसके बाद ही शनिवार को अतिक्रमण ध्वस्तीकरण पर फैसला लिया जाएगा। तब तक चिह्नीकरण की कार्रवाई जारी रहेगी। 

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    अतिक्रमण हटाओ अभियान के लिए गठित टास्क फोर्स ने शहर में चिह्नीकरण का कार्य जारी रखा है। इस दौरान चार जोन में सात टीमों ने 246 पक्के अतिक्रमण चिह्नित कर लाल निशान लगाए। सबसे ज्यादा 125 अतिक्रमण राजपुर रोड के एनआइवीएच से साई मंदिर तक पाए गए। 

    इसके बाद हरिद्वार रोड, कचहरी रोड पर 86 और चोरखाला से बल्लूपुर चौक तक 35 अतिक्रमण मिले। इधर, देर शाम टास्क फोर्स की बैठक लेते हुए अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि अब तक 1889 अवैध अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों में ध्वस्तीकरण का कार्य किया जा चुका है, वहां पूरी निगरानी रखी जाए।

    उन्होंने कहा कि सड़कों का चौड़ीकरण होने तक उन स्थानों में फिर से अतिक्रमण न हों, इसके लिए लोक निर्माण विभाग पिलर लगाकर नंबर के अनुसार मार्किंग करे। उन्होंने कहा कि ध्वस्तीकरण के लिए टीम बढ़ाई जा रही है। ताकि चिह्नीकरण के साथ-साथ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई समय पर पूरी की जा सके। 

    अतिक्रमण हटाओ अभियान टास्क फोर्स के अध्यक्ष एवं एमडीडीए के वीसी आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर न्याय विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। शनिवार तक यह रिपोर्ट मिल जाएगी। तब तक ध्वस्तीकरण को स्थगित किया गया है। चिह्नीकरण का कार्य इस बीच अधिक तेजी से कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अतिक्रमणकारी दुरुपयोग न करें, इसके लिए न्याय विभाग की रिपोर्ट जरूरी है। 

    लोग स्वयं हटा रहे चिह्नित अतिक्रमण 

    टास्क फोर्स ने एक सप्ताह के भीतर जो भी अतिक्रमण चिह्नित किए हैं, उस पर सरकारी जेसीबी की बजाय लोगों ने स्वयं हथौड़ा चलाया। सहारनपुर रोड पर सहारनपुर चौक, आढ़त बाजार में लोगों ने अतिक्रमण हटाने का काम जारी रखा। इसके अलावा यमुना कॉलोनी चौक से बिंदाल पुल के बीच भी लोग चिह्नित अतिक्रमण हटाते रहे। 

    इसी तरह रायपुर रोड, करनपुर रोड, धर्मपुर, हरिद्वार रोड क्षेत्र में भी लोगों ने मजदूर लगाकर अतिक्रमण तोड़े। दून स्कूल के अतिक्रमण पर नहीं हुआ निर्णय चकराता रोड स्थित दून स्कूल की बाउंड्रीवाल के अतिक्रमण पर फैसला नहीं हो पाया। 

    इसके अलावा करनपुर में माहेश्वरी स्वीट शॉप और दो अन्य मामलों में भी हाईकोर्ट ने निर्णय नहीं दिया है। एमडीडीए के वीसी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्णय आने के बाद इन अतिक्रमण पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका पर अगली तारीख मिली है। 

    हाईकोर्ट से स्थिति साफ होने के बाद प्रशासन सरकारी जमीन पर किए गए अतिक्रमण को हटाएगा। उन्होंने कहा कि लाल निशान सही जगह लगाए गए हैं। 

    अतिक्रमणकारी फैला रहे अफवाह 

    सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर अतिक्रमणकारी रोक की अफवाह फैला रहे हैं। इससे आम लोगों के बीच संशय की स्थिति बनी हुई है। हालांकि, अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बुधवार को ही साफ कर दिया था कि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को यथावत रखा है। इसमें किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई है। 

    अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी रहेगी। मगर, अतिक्रमणकारी इस आदेश का गलत अर्थ निकालकर अफवाह फैला रहे हैं। इससे चिह्नीकरण से वंचित लोग विरोध कर सकते हैं। लेकिन शासन शनिवार तक स्थिति साफ होने की बात कह रहा है। 

    देहरादून के अतिक्रमणकारियों को हाई कोर्ट से राहत नहीं

    नैनीताल हाई कोर्ट ने देहरादून से अतिक्रमण हटाने के आदेश के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिक्रमणकारियों को राहत देने से इन्कार कर दिया है। साथ ही सुनवाई की अगली तिथि 17 अगस्त नियत की है। 

    पूर्व में कोर्ट ने देहरादून से अतिक्रमण हटाने के सख्त आदेश देने के साथ ही नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने को कहा था। कोर्ट के आदेश के बाद देहरादून में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है, जिसके बाद अतिक्रमणकारियों में खलबली मची है। 

    अतिक्रमण की जद में आई सुनीता देवी व अन्य ने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने सड़कों पर से अतिक्रमण हटाने व अन्य विवादित मामलों में अतिक्रमणकारियों को सुनवाई का मौका देने के आदेश पारित किए थे। 

    वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ के समक्ष देहरादून के करीब एक दर्जन क्लीनिक संचालकों की पुनर्विचार याचिका दायर हुई थी। इन याचिकाओं को सुनने के बाद खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं को कोई राहत नहीं देते हुए अगली सुनवाई की तिथि 17 अगस्त नियत की है। 

    यहां बता दें कि देहरादून निवासी मनमोहन लखेड़ा ने जनहित याचिका दायर कर देहरादून में अतिक्रमण से उपजी समस्या का उल्लेख किया था, जिस पर कोर्ट ने विस्तृत आदेश पारित किया था।

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