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    उत्तराखंड में बरस रही आफत, डरा रही नदियां; दरक रहे हैं पहाड़

    By BhanuEdited By:
    Updated: Sat, 28 Jul 2018 09:04 PM (IST)

    लगातार बारिश का असर उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर भी पड़ रहा है। मार्ग बार-बार अवरुद्ध हो रहे हैं। वहीं शहरों की सड़कें तालाब में तब्दील हो रही हैं। ...और पढ़ें

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    उत्तराखंड में बरस रही आफत, डरा रही नदियां; दरक रहे हैं पहाड़

    देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड में पिछले तीन दिन से हो रही लगातार बारिश लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। देहरादून, हरिद्वार, रुड़की की सड़कें तालाब में जलमग्न होती जा रही हैं। वहीं, चारधाम यात्रा मार्ग भूस्खलन से बार-बार अवरुद्ध हो रहे हैं। गंगा के साथ ही अन्य नदियों के जलस्तर में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। वहीं, देहरादून, उत्तरकाशी, हरिद्वार सहित अधिकांश जनपदों में स्कूलों में 12 वीं तक की छुट्टी कल ही घोषित कर दी गई थी।  वहीं, रुद्रप्रयाग में केदारनाथ धाम ने बारिश के चलते मंदाकनी नदी उफान पर है। गरुड़चट्टी को जोड़ने वाला पुल के ऊपर से पानी बह रहा है।

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    उत्तराखंड के अधिकांश जिलों में लगातार बारिश के चारधाम यात्रा मार्ग की सड़कें भी भूस्खलन से दरक रही हैं। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री हाईवे भूस्खलन की वजह से बाधित है। लगातार हो रही बारिश से शहरों में कई स्थानों पर जलभराव की समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है। हालांकि बदरीनाथ हाईवे को बाद में खोल दिया गया। 

    बद्रीनाथ हाइवे तड़के से लामबगड़ में बंद हो गया था। इसे सुबह खोल दिया गया। हेमकुंड यात्रा जारी है। वहीं, केदारनाथ हाईवे डोलिया देवी फाटा, तिलवाडा के समीप,  रामपुर और चंडिकाधार में भूस्खलन से बंद है। उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू, बडेथी, ओंगी, थिरांग के पास मलबा आने से अवरुद्ध है। 

    यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डाबरकोट के पास 21 जुलाई की शाम से अवरुद्ध है। डाबरकोट में लगातार हल्के पत्थर गिरने के कारण मार्ग सुचारु करने का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। उत्तरकाशी के नौगांव में पहाड़ी से पत्थर गिरने से पांच बाइक क्षतिग्रस्त हो गई। विकासनगर-बड़कोट राष्ट्रीय राजमार्ग खरसुन क्यारी के पास मलबा आने से अवरुद्ध हैं। वहीं, राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार दून सहित उत्तराखंड के कुछ इलाकों में बारिश का दौर जारी रहेगा।

    उत्तरकाशी में चिन्यालीसौड़ के मुख्य बाजार में जोगत रोड के पास बारिश के कारण गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धंस गया। इससे मार्ग पर आवाजाही बंद हो गई। वहीं, हर्षिल के पास गदेरे के उफान में आने से वाहनों की आवाजाही रुक गई। बडकोट के निकट राजतर झूला पुल खतरे की जद में आया। तिलाडी के पास यमुना के उफान से ग्रामीणों की कृषि भूमि बह गई।

    जौनसार बाबर में मकान क्षतिग्रस्त
    विकासनगर क्षेत्र के जौनसार बावर क्षेत्र में बीते चार दिनों से लगातार जारी मूसलाधार बारिश के चलते सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। तेज बारिश व भूस्खलन की वजह से तहसील क्षेत्र अंतर्गत ओवरासेर निवासी लोक गायक सुरेंद्र सिंह राणा का एक मंजिला मकान क्षतिग्रस्त हो गया। जिससे मकान के अंदर रखा सारा सामान मलबे में दबकर नष्ट हो गया। गनीमत ये रही हादसे में परिवार के सदस्य बाल-बाल बचे।


    टोंस नदी उफान पर
    बारिश के चलते टोंस नदी उफान पर है। टोंस का जलस्तर बढ़ने से त्यूणी के मुख्य बाजार को खतरा पैदा हो गया। त्यूणी में टोंस नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। जिससे लोगों की सांसे थम गई। टोंस के ऊफनने से त्यूणी में बना हेलीपैड पानी में डूब गया।
    बारिश से हुए भूस्खलन के चलते कोटी-बावर, मैंद्रथ-बागी, कूणा व डिरनाड समेत कई पंचायतों में पेयजल लाइनें, संपर्क मार्ग व अन्य सार्वजनिक परिसंपत्तियों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। बारिश व भूस्खलन से आधा दर्जन ग्रामीण बागवानों के 100 से ज्यादा सेब के पेड़ मलबे में बह गए। कई किसानों के खेत फसल समेत तबाह हो गए।


    ऋषिकेश के कई मोहल्लों में जलभराव
    ऋषिकेश में पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते तीर्थनगरी में कई मोहल्लों में जलभराव हो गया है। कहीं सड़कों पर भी डेढ़ से दो फीट तक पानी भर गया है। लगातार बारिश के चलते तीर्थनगरी वह आसपास क्षेत्र में बहने वाली नदी नालों में भी उफान आ गया है।
    उफान पर आई चंद्रभागा नदी, घरों में घुसा पानी
    चंद्रभागा नदी में रात भर भी बारिश के चलते भारी उफान आ गया, जिससे चंद्रभागा पुल के नीचे बसी बस्ती खतरे के मुहाने पर आ गई है। नदियों के उफान को देखते हुए प्रशासन ने तटीय इलाकों में अलर्ट जारी किया है। पुलिसकर्मियों ने लाउडस्पीकर के जरिए तटीय इलाकों में लोगों को सचेत रहने वह सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की। गंगानगर, गंगा विहार, चंद्रेश्वर नगर, नगर, मायाकुंड आदि क्षेत्रों में कई जगह जलभराव के कारण लोगों के घरों में पानी घुस गया है।


    पुल का एक हिस्सा बहा
    हरिद्वार में थाना सिडकुल क्षेत्र के गांव हेतमपुर के बाहर बने पुल का एक हिस्सा वह गया। इससे लोगों को आने जाने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लोग एक हिस्से से होकर गुजर रहे हैं।
    सड़कें बनी तालाब 

    रुड़की में लगातार बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित हो गया है। कई कालोनियों में जबरदस्त जलभराव हुआ। इसकी वजह से लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। वहीं शहर के प्रमुख मार्गो पर भी जलभराव होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। 

    गंगा व अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ा 

    लगातार बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। हरिद्वार में रात दस बजे गंगा का जलस्तर 291.90 पर था,  जो शनिवार सुबह छह बजे बढ़कर 292.25 मीटर तक जा पहुंचा। हालांकि चेतावनी लेवल 293 और खतरे का निशान 294 मीटर है। 

    जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैंतुरा का कहना है जलस्तर पर नजर है। तहसील आपदा केंद्र और बाढ़ चौकियों के कर्मचारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।

    वहीं, उत्तरकाशी जनपद में भागीरथी नदी का जल स्तर 1121.50  मीटर पर पहुंच गया। खतरे का निशान 1123.00 मीटर पर है। यमुना नदी का जलस्तर 1058.490 मीटर दर्ज किया गया। खतरे का निशान 1060.00 मीटर है। 

    नैनीताल में आधा दर्जन ग्रामीण मार्ग 

    नैनीताल जिले में मूसलाधार बारिश के दौरान भूस्खलन से आधा दर्जन ग्रामीण मार्गों में वाहनों का आवागमन बंद है। आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार देवीपुरा-बोहरगांव, अमेल-खोला, रामगढ़ में क्वारब- मौना, नाथुवाखान-अरतोला तल्लीसेठी पहुंच मार्ग,  छड़ा-अड़िया आदि सड़कें बंद हैं। 

    इधर सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता एमएम जोशी के अनुसार नैनी झील का जलस्तर सामान्य से एक फिट तीन इंच ऊपर पहुंच गया। पिछली बार 28  जुलाई को जलस्तर दो फिट तीन इंच अधिक था। सूखाताल झील भी आकार लेने लगी है। झील का जलस्तर बढ़ने से प्रशासन के साथ प्रक्रति प्रेमी भी खुश हैं।

    आपदा प्रबंधन विभाग को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश

    मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने लगातार हो रही बारिश को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। इमीडियेट रिस्पांस सिस्टम (आईआरएस) को भी मुस्तैद कर दिया गया है। आईआरएस में सभी अधिकारियों के दायित्व पहले से ही निर्धारित है। संवेदनशील स्थानों पर तैनात एसडीआरएफ को भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है। मुख्य सचिव खुद भी सभी जिलों के जिलाधिकारियों से फोन पर संपर्क कर पल-पल की खबर ले रहे हैं। कनेक्टिविटी, खाद्यान्न की स्थिति, राहत और बचाव कार्य की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। 

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