शाही स्नान पर दिखी अखाड़ों और नागाओं की अवधूती शान, हर-हर गंगे से गूंजे घाट; तस्वीरों में देखें आस्था का सैलाब
Haridwar Kumbh Mela 2021 In Pics महाकुंभ के पहले शाही स्नान पर अखाड़ों और नागा संन्यासियों का वैभव देखते ही बना। अखाड़ों का शाही काफिला स्नान के लिए बढ़ा तो चारों ओर हर-हर गंगे के जयघोष सुनाई दिए। हर की पैड़ी पर आस्था की छटा ने सबको आकर्षित किया।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Haridwar Kumbh Mela 2021 In Pics महाकुंभ के पहले शाही स्नान पर अखाड़ों और नागा संन्यासियों का वैभव देखते ही बना। अखाड़ों का शाही काफिला स्नान के लिए बढ़ा तो चारों ओर हर-हर गंगे के जयघोष सुनाई दिए। हर की पैड़ी पर आस्था की छटा ने सबको आकर्षित किया। आस्था के इस सैलाब के बीच कोरोना संक्रमण का खौफ कहीं भी नजर नहीं आया।
शाही स्नान पर सबसे पहले स्नान श्रीपंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी ने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि की अगुवाई में किया। इनके साथ ही श्रीपंचायती आनंद अखाड़े ने भी अपने आचार्य महामंडलेश्वर की अगुवाई में शाही स्नान किया। नागा संन्यासियों के साथ नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र वीर विक्रम शाह देव का शाही स्नान आकर्षण का केंद्र रहा।
शाही स्नान में आकर्षण का केंद्र नागा संन्यासियों की बड़ी जमात ने अपने-अपने अखाड़ों श्रीपंचयाती निरंजनी अखाड़ा और महानिर्वाणी अखाड़ों के साथ हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पहुंच पूरे विधि-विधान और गंगा पूजन के साथ हर-हर महादेव, बम-बम भोले और हर-हर गंगे के जयकारों के बीच गंगा स्नान किया।
निरंजनी अखाड़े के बाद श्रीपंदशनाम जूना अखाड़ा की छत्र तले अग्नि, आह्वान और किन्नर अखाड़े ने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि की अगुवाई में सोमवती अमावस्या का स्नान किया।
संन्यासी अखाड़ों के स्नान के बाद तीनों बैरागी अणियों, निर्वाणी अणि, निर्मोही अणि और दिगंबर अणि, उनके 18 अखाड़ों और 1200 खालसों ने अपने-अपने अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास, श्रीमहंत धर्मदास और श्रीमहंत कृष्णदास की अगुवाई में शाही स्नान किया।
वहीं, आम श्रद्धालुओं ने दिनभर अन्य गंगा घाटों सुभाष घाट, नाई सोता घाट, सर्वानंद घाट, बरला घाट, लव-कुश घाट, प्रेमनगर आश्रम घाट, अमरापुर घाट, दक्षमंदिर घाट, सती घाट, नीलधारा घाट, नमामि गंगे घाट सहित समेत सभी गंगा घाटों आस्था की डुबकी लगाई।
शाही जुलूस के लिए हाइवे जीरो जोन रहा, स्नान के समय किसी को भी इस पर चलने की इजाजत नहीं दी गयी। इस दौरान पूरे कुंभ मेला क्षेत्र में सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था रही। दोपहर दो बजे तक 25 लाख 11 हजार आस्था की डुबकी लगाई।
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