Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संत की कलम से: दिव्य और भव्य होगा महाकुंभ- भक्त दुर्गा दास

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Tue, 09 Feb 2021 04:05 PM (IST)

    Haridwar Kumbh Mela 2021 तीर्थ में आकर अन्न दान का विशेष महत्व होता है। हमारी गुरु लाल माता वैष्णो देवी मंदिर की संस्धापिका माता लाल देवी कुंभ मेले में अखंड लंगर चलाया करती थीं। स्थानीय लोग आज भी उस अनवरत लंगर की चर्चा करते हैं।

    Hero Image
    भक्त दुर्गा दास, संचालक लाल माता वैष्णो देवी मंदिर।

    Haridwar Kumbh Mela 2021 तीर्थ में आकर अन्न दान का विशेष महत्व होता  है। हमारी गुरु लाल माता वैष्णो देवी मंदिर की संस्धापिका माता लाल देवी कुंभ मेले में अखंड लंगर चलाया करती थीं। स्थानीय लोग आज भी उस अनवरत लंगर की चर्चा करते हैं। तीर्थ में आए श्रद्धालु भक्तजनों को भोजन, आवास और साधना के लिए संसाधन जुटाना भी किसी पूजा से कम नहीं। कुंभ मेला भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा पर्व है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    श्रद्धालु भक्त कुंभ की आलौकिक छटा देखकर सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति से प्रभावित होते हैं। कुंभ मेले के दौरान अखाड़ों की पेशवाई, नागा संन्यासियों का शाही स्नान और बैरागी संतों के खालसे मुख्य आकर्षण का केंद्र होते हैं। शाही स्नान का अवसर सौभाग्यशाली व्यक्ति को प्राप्त होता है। सनातन संस्कृति और अखाड़ों की परंपराओं का निर्वहन करते हुए संत महापुरुष आपसी समन्वय से प्रत्येक महाकुंभ को दिव्य और भव्य रूप से संपन्न कराते आ रहे हैं जो विश्व में एकता और अखंडता कायम रखने का प्रतीक है। गंगा मैया की कृपा से इस बार भी कुंभ मेल दिव्य और भव्य ही नहीं बल्कि अपने पारंपरिक स्वरूप में होगा।

    11 मार्च महाशिवरात्रि पर होने वाले पहले शाही स्नान को लेकर संत महात्माओं और श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। कुंभ मेला दिव्य और भव्य ही नहीं बल्कि पारंपरिक स्वरूप में होगा। महाकुंभ के लिए विशेष योग 12 वर्षों की बजाए 11 वर्ष में पड़ रहा है। यही वजह है कि इस बार कुंभ 11 वर्ष में ही आयोजित हो रहा है। कुंभ स्नान से जन्म-जन्मांतर के पापों का शमन होता है। 

    [भक्त दुर्गा दास, संचालक लाल माता वैष्णो देवी मंदिर]

    यह भी पढ़ें- संत की कलम से: कुंभ स्नान से जन्म जन्मांतर के पापों का होता है शमन- हिमसुता ज्योत्सना

    Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें