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कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत बोले, मंत्री नहीं; वकील बन पूरी कराऊंगा कर्मचारियों की मांग

सरकार कर्मचारियों की मांगों को लेकर गंभीर है। वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने ये बात कर्मचारियों के अधिवेशन में कही।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 05:14 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2019 07:51 PM (IST)
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत बोले, मंत्री नहीं; वकील बन पूरी कराऊंगा कर्मचारियों की मांग
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत बोले, मंत्री नहीं; वकील बन पूरी कराऊंगा कर्मचारियों की मांग

देहरादून, जेएनएन। वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि उनकी सरकार कर्मचारियों के हितों को लेकर सजग है। ऐसे में कर्मचारी जनता की जिम्मेदारी लें तो सरकार उनके हितों की रक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि वह कर्मचारियों की मांगों को मंत्री के रूप में नहीं, बल्कि एक वकील के रूप में पूरी कराएंगे।

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यमुना कॉलोनी स्थित ऑफिसर्स क्लब में उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्ट्रीयल सर्विसेज एसोसिएशन के अधिवेशन में प्रदेशभर के करीब 42 विभागों के कर्मचारी शामिल हुए। अधिवेशन में कर्मचारियों ने फिर से ट्रांसफर एक्ट में खामी बताते हुए संशोधन की मांग उठाई। इस दौरान वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने सत्ता और विपक्ष में रहते हुए कर्मचारियों के हितों की लड़ाई लड़ी है।

भत्तों के मुद्दे को भी सरकार के समक्ष मजबूती से रखा है। अब जो मांग पत्र दिया गया, उसको भी सरकार के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कर्मचारियों के हितों की बात करती है। जो मांगें जायज, वाजिब और निस्तारण करने वाली होंगी, उस पर सरकार दृढ़ता से निर्णय लेगी। मंत्री ने कहा कि भत्तों को लेकर यदि सरकार को बैकफुट पर भी आना पड़े तो कोई गुरेज नहीं होगा।

डॉ. हरक सिंह रावत ने राज्य आंदोलन में कर्मचारियों के संघर्षो को याद करते हुए कहा कि अलग राज्य कर्मचारियों की लड़ाई से बना है। इससे पहले संगठन के प्रदेश अध्यक्ष टीएस पुंडीर ने एसोसिएशन की उपलब्धियां रखीं। उन्होंने कहा कि ट्रांसफर एक्ट में जो खामी है, उसका फायदा अफसर उठा रहे हैं। अभी तक मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों पर ही इसे लागू किया जा रहा है। जबकि अधिकारियों के हर महीने मनमाफिक ट्रांसफर हो रहे हैं।

हड़ताल नहीं समस्या का समाधान

वन मंत्री ने कहा कि हड़ताल किसी समस्या का समाधान नहीं है। हड़ताल से प्रदेश को ही नुकसान होता है। उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि सरकार के दरवाजे वार्ता के लिए हमेशा खुले हैं। 

ये हैं एसोसिएशन की प्रमुख मांग 

- स्थानांतरण अधिनियम में व्याप्त खामियों को दूर करने के लिए इसमें संशोधन किया जाए। 

- कार्य की अधिकता देखते हुए मिनिस्ट्रीयल संवर्ग में अतिरिक्त पद सृजित किए जाएं। 

- संवर्ग में महत्वपूर्ण व जिम्मेदारी भरा कार्य होने के चलते आउटसोर्स के बजाय नियमित नियुक्ति की जाए। 

- मिनिस्ट्रीयल संवर्ग से अन्य संवर्गो के पदों पर 50 प्रतिशत कोटा पदोन्नति का निर्धारित किया जाए। 

- मिनिस्ट्रीयल कर्मियों को केंद्र, सचिवालय की तर्ज पर वाहन भत्ता की जगह अभिलेख अनुरक्षण भत्ता दिया जाए। 

- सातवें वेतन में मकान किराया भत्ता केंद्र की तर्ज पर बढ़ाया जाए। 

- परिवार नियोजन भत्ता पुन: बहाल किया जाए। 

- अधीनस्थ पदों पर कुल सेवा को 21 वर्ष निर्धारित कर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति दी जाए। 

- अंशदायी पेंशन योजना को पूर्व की भांति जारी रखी जाए। 

- संवर्ग में पदोन्नति के पांच स्तर है। तीन स्तर के पद प्रशासनिक होने के कारण नीचे के दो स्तर पर कार्य का भार बढ़ जाता है। ऐसे में दो प्रशासनिक पद को लेवल आठ में शामिल किया जाए। 

- सभी विभागाध्यक्ष कार्यालयों में मिनिस्ट्रीयल संवर्ग से पदोन्नति के लिए उप निदेशक प्रशासन का पद लेवल-11 सृजित किया जाए।

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