Guru Ravidas Jayanti 2022: संत रविदास जन्म दिवस की राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं
Guru Ravidas Jayanti 2022 आज संत रविदास जन्म दिवस पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी। सीएम ने कहा उनकी शिक्षाएं आज समाज के लिए प्रेरणादायक हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Guru Ravidas Jayanti 2022: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को संत रविदास जन्म दिवस की शुभकामनाएं दी हैं।
अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि संत रविदास ने अपने पूरे जीवन में सामाजिक असमानता और अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाई और समतामूलक समाज की स्थापना के लिए कठिन संघर्ष किया। समाज में शांति, प्रेम तथा समानता का माहौल तैयार करने के लिए हम सबको उनके जीवन से शिक्षा लेनी चाहिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संदेश में कहा कि संत रविदास ने समाज में समानता के लिए आवाज उठाई। वह समता मूलक समाज की स्थापना का संदेश देने के साथ भगवान की भक्ति में लीन रहते थे। उन्होंने कहा कि हमें समाज में आपसी भाईचारा, शांति, प्रेम, समानता का माहौल तैयार करने के लिए उनके जीवन से शिक्षा लेनी चाहिए।
रविदास क शिक्षाएं आज समाज के लिए प्रेरणादायक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरु रविदास जयंती पर समस्त प्रदेशवासियों को बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास ने समाज में समानता की आवाज उठाने व हमेशा समता मूलक समाज की स्थापना का संदेश दिया। वह सदैव भगवान की भक्ति में लीन रहते थे। उनसे हमें समाज में आपसी भाई-चारा, शांति, प्रेम, समानता का माहौल तैयार करने के लिए उनके जीवन से शिक्षा लेनी चाहिए। संत रविदास बहुत ही धार्मिक स्वभाव के महान ज्ञानी व संत थे। उन्होंने भगवान की भक्ति में अपना जीवन समर्पित होने के साथ अपने सामाजिक और पारिवारिक कर्त्तव्यों का भी बखूबी निर्वहन किया। वह भक्ति के मार्ग पर चलकर संत रविदास कहलाए। उनकी शिक्षाएं आज समाज के लिए प्रेरणादायक हैं।
जानिए संत रविदास के बारे में
संत रविदास की जयंती माघ माह में पूर्णिमा को मनाई जाती है। इतिहासकारों के अनुसार, संत रविदास का जन्म सन 1398 ईं में हुआ है। वहीं, कुछ का मानना है कि उनका जन्म सन 1482 में हुआ है। संत रविदास का जन्म दलित परिवार में हुआ था। इनके पिताजी का नाम रघू और माताजी का नाम घुरविनिया था।
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