नयी पीढ़ी की GST से आमजन को राहत, कर राजस्व को 800 करोड़ का झटका
राज्य कर विभाग को चालू वित्तीय वर्ष में 11221 करोड़ रुपये का लक्ष्य पूरा करने में कठिनाई होगी। नई जीएसटी व्यवस्था से कर राजस्व में 800 करोड़ की कमी आ सकती है। सरकार कर चोरी रोकने के लिए अभियान चलाएगी और उपभोक्ता सामग्री की खपत पर ध्यान रखेगी। राजस्व बढ़ाने के अन्य उपायों पर भी सरकार का ध्यान है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। नई पीढ़ी की जीएसटी लागू होने से आमजन को सस्ती सामग्री मिलने का रास्ता भले ही साफ हो गया, लेकिन प्रदेश के सामने एसजीएसटी से राजस्व को बढ़ाने की चुनौती बढ़ गई है। नई व्यवस्था से प्रदेश के कर राजस्व में 800 करोड़ की कमी आ सकती है।
ऐसे में चालू वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित एसजीएसटी लक्ष्य की पूर्ति आसान नहीं होगी। प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि कर में कमी की भरपाई सामान की अधिक बिक्री से संभव होगी। साथ ही सरकार की ओर से कर राजस्व बढ़ाने के अन्य उपायों पर अधिक ध्यान देने की तैयारी है।
प्रदेश को वर्तमान में जीएसटी से सर्वाधिक राजस्व मिलता है। केंद्र सरकार ने नई पीढ़ी की जीएसटी को लागू करते हुए विभिन्न सामग्रियों के लिए कर की दरें घटा दी हैं। इसके लिए जीएसटी स्लैब में परिवर्तन किया गया है। यह परिवर्तन आगामी 22 सितंबर से लागू होगा।
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कर की दर घटने से जीएसटी की वसूली पर प्रभाव दिखना तय माना जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में एसजीएसटी से 11,221 करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य रखा गया है। माना जा रहा है कि नई व्यवस्था के चलते लगभग 800 करोड़ के कर राजस्व की वसूली प्रभावित हो सकती है।
इसे देखते हुए राज्य कर विभाग वसूली में कमी की भरपाई को लेकर सतर्क हो गया है। जीएसटी की चोरी रोकने के लिए अभियान को अधिक व्यापक बनाया जाएगा। इसके लिए जांच अभियान को नये सिरे से गति दी जाएगी। विभाग की नजरें नई व्यवस्था के अंतर्गत उपभोक्ता सामग्री की खपत में संभावित वृद्धि पर भी टिकी हैं। ऐसा हुआ तो कर राजस्व की दृष्टि से राहत मिल सकेगी।
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