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पहाड़ का चटखारेदार हरा नमक, यह पाचन शक्ति को भी रखता दुरुस्त

हरा नमक न केवल भूख बढ़ाने में सहायक है बल्कि पाचन शक्ति को भी दुरुस्त रखता है। खाने में आनंद देता है सो अलग। इसे लोग खूब चटखारे लेकर खाते हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 01:45 PM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 07:04 AM (IST)
पहाड़ का चटखारेदार हरा नमक, यह पाचन शक्ति को भी रखता दुरुस्त
पहाड़ का चटखारेदार हरा नमक, यह पाचन शक्ति को भी रखता दुरुस्त

देहरादून, जेएनएन। लोण यानी नमक को उत्तराखंड में लूण, नूण आदि नामों से भी जाना जाता है। लेकिन, खानपान के शौकीन पहाड़ी लोगों ने इस एक ही सादे नमक को तरह-तरह स्वाद एवं जायके में बदल डाला है। यहां अलग-अलग वनस्पति एवं जड़ी-बूटियों को नमक के साथ पीसकर कई तरह के लोण बनाए जाते हैं। इसे पिस्यूं लोण (पिसा हुआ नमक) या हरा नमक भी कहा जाता है। यह नमक न केवल भूख बढ़ाने में सहायक है, बल्कि पाचन शक्ति को भी दुरुस्त रखता है। खाने में आनंद देता है, सो अलग। इसे लोग खूब चटखारे लेकर खाते हैं।

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मुर्या का नमक

मुर्या या मोरा तुलसी के पौधे की शक्ल का पौधा है। इसकी पत्तियां व तना जोरदार खुशबू देते हैं। सादे नमक के साथ इसकी खुशबूदार पत्तियों को सिल-बट्टे में पीसने पर हरा नमक तैयार हो जाता है। इसका स्वाद भी लाजवाब है। चखने पर मन करता है कि बस! खाते ही चले जाएं। सलाद व काखड़ी-खीरे को और अधिक जायकेदार बनाने के लिए हरे लोण के साथ अगर दो-चार हरी मिर्च भी पीस ली जाए तो कहने ही क्या। मुर्या नमक के साथ कोदा व गेहूं की रोटी खाने का मजा ही कुछ और है। दही, मट्ठा, रैला व मणझोली में हरा नमक मिला दिया जाए तो इनका स्वाद अवर्णनीय हो जाता है। इसकी भीनी-भीनी खुशबू मन को भी महका देती है।

जैसे पत्ते, वैसा नमक, वैसा ही जायका

मुर्या नमक की तरह ही आप हरे धनिया का नमक, लहसुन की फलियों और लहसुन के हरे पत्तों वाला नमक, अदरक नमक, हरी मिर्च वाला नमक, भुड़की मिर्च का नमक, पुदीना नमक, जंबू-च्यूरा नमक भी तैयार कर सकते हैं। इन सभी को एक साथ पीसकर भी हरा नमक बनाया जाता है।

असली, राई व जीरे का नमक भी हरे नमक जैसा ही

हरे नमक के अलावा आप राई नमक, जीरा नमक व अलसी नमक भी तैयार कर सकते हैं। असली, राई व जीरे का नमक तैयार करने के लिए इनके बीजों को भूनकर सिल-बट्टे में नमक के साथ पीसा जाता है। यह नमक अलग ही तरह का स्वाद देता है।

हरा नमक हो तो दाल-सब्जी की भी जरूरत नहीं

पहाड़ में बनने वाले ये सभी तरह के नमक इतने स्वादिष्ट होते हैं कि दाल-सब्जी के अभाव में भी आप इनके साथ रोटी खा सकते हैं। साथ में गर्मागर्म चाय भी हो तो मजा दोगुना होना लाजिमी है।

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सबसे शुद्ध एवं उत्तम सेंधा नमक

वैसे सेंधा नमक को सबसे शुद्ध एवं उत्तम नमक माना गया है, लेकिन प्रचलन में ज्यादा समुद्री नमक ही है। दरअसल, आजादी के बाद हिमालय पर्वत का सिंधु या सेंधा नमक वाला बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में चला गया था। अब इसे पाकिस्तान से ही आयात करना पड़ता है, जिससे इसकी लागत काफी बढ़ गई है।

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