देहरादून में कम हआ अपराध का ग्राफ, जानिए तीन सालों का आंकड़ा
देहरादून में इस साल पिछले सालों के मुकाबले अपराधिक घटनाओं में कमी आई है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस साल जिले में लूट की एक भी घटना नहीं हुई है। वहीं लूट की घटना भी पिछलों सालों के मुकाबले कम हुई हैं।
देहरादून, जेएनएन। देहरादून में इस साल पिछले सालों के मुकाबले अपराधिक घटनाओं में कमी आई है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस साल जिले में लूट की एक भी घटना नहीं हुई है। वहीं लूट की घटना भी पिछलों सालों के मुकाबले कम हुई हैं। पुलिस अधिकारी क्राइम रेट घटने में रात को होने वाली पुलिस चेकिंग को बता रहे हैं।
पिछले सालों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदमाशों की दून में काफी दहशत थी। बदमाश दून में डकैती व लूट की घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो जाते थे, जिससे पुलिस को केस वर्कआउट करने में काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। इस साल मार्च से पूर्ण लॉकडाउन और बाहरी राज्यों के वाहनों की एंट्री बंद होने के बदमाश दून में दाखिल नहीं हो पाए। इसके बाद जब बॉर्डर एरिया खोला गया तो पुलिस ने वाहनों की चेकिंग बढ़ा दी। इसका फायदा यह हुआ कि पुलिस ने कई शातिर बदमाशों को पकडऩे में भी सफलता हासिल की।
नकबजनी के केस 46 सभी वर्कआउट
दून में अब तक नकबजनी के 46 केस हुए हैं। पुलिस ने सभी केस वर्कआउट कर दिए हैं। बड़ी बात यह है कि अन्य राज्यों में नकबजनी के केस मात्र 30 प्रतिशत ही वर्कआउट हो पाते हैं। अन्य चोरी की घटनाएं भी 85 में से पुलिस ने 71 वर्कआउट कर दिए हैं जबकि नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो के आंकडों के मुताबिक यह केस 31 प्रतिशत ही वर्कआउट हो पाते हैं।
आइजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि रात की पेट्रोलिंग बढ़ाने के कारण डकैती व लूट की घटनाओं में कमी आई है। इसके अलावा हत्या व लूट की जो घटनाएं हुई भी हैं, उन्हें वर्कआउट करने के लिए पूरी टीम लगा दी गई, जिसके कारण सभी केसों में सफलता हाथ लगी।
पिछले तीन साल के आंकड़ें
अपराध 2020 2019 2018
डकैती 00 03 00
लूट 09 30 20
नकबजनी 46 87 72
वाहन चोरी 65 137 138
अन्य चोरी 85 136 165
हत्या 18 19 26
दुष्कर्म 94 114 110
धोखाधड़ी 66 102 80
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