समग्र शिक्षा अभियान में कार्यरत 1842 शिक्षकों के वेतन को केंद्र में देंगे दस्तक
पहले राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और अब समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत कार्यरत 1842 शिक्षकों का वेतन देने से केंद्र सरकार ने हाथ पीछे खींच लिए हैं। वहीं करीब 6000 प्रारंभिक शिक्षकों को केंद्र से वेतन मद में पैसा तो मिल रहा है लेकिन उसकी राशि कम है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। पहले राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और अब समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत कार्यरत 1842 शिक्षकों का वेतन देने से केंद्र सरकार ने हाथ पीछे खींच लिए हैं। वहीं करीब 6000 प्रारंभिक शिक्षकों को केंद्र से वेतन मद में पैसा तो मिल रहा है, लेकिन उसकी राशि कम है। उक्त शिक्षकों के वेतन मद का बजट पाने को राज्य सरकार केंद्र में दस्तक देगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय इस संबंध में केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात करेंगे।
सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को एकीकृत कर बनाए गए समग्र शिक्षा अभियान के तहत माध्यमिक शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए केंद्र सरकार मना कर चुकी है। समग्र शिक्षा अभियान के बजट में इस मद में राज्य सरकार को पैसा नहीं दिया गया है। इस वजह से इन शिक्षकों को परेशानी से जूझना पड़ा। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बीती तीन नवंबर को शिक्षा और वित्त विभागों के अधिकारियों की बैठक में शिक्षकों का वेतन जल्द भुगतान करने के निर्देश दिए थे। इस पर अमल करते हुए राज्य सरकार ने अपने बजट में से 303 करोड़ की धनराशि जारी की।
केंद्र ने अभियान के तहत कार्यरत माध्यमिक शिक्षकों का वेतन देने से तो इन्कार कर दिया, लेकिन प्रारंभिक शिक्षकों के वेतन मद में भी काफी कम धनराशि मंजूर की गई है। करीब 6000 प्रारंभिक शिक्षकों के लिए प्रति शिक्षक 15 हजार रुपये 20 हजार रुपये तक धनराशि मंजूर की गई है। इन शिक्षकों के लिए वेतन मद में करीब 56 करोड़ केंद्र ने मंजूर किए हैं। इनमें करीब 26 करोड़ राज्य सरकार को मिल चुके हैं। सातवें वेतनमान के मुताबिक प्रत्येक शिक्षक का वेतन काफी ज्यादा है।
ऐसे में राज्य सरकार इस कोशिश में जुटी है कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों के वेतन मद की पूरी धनराशि मिले। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि उत्तराखंड के पास सीमित आर्थिक संसाधन हैं। ऐसे में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से अनुरोध किया जाएगा कि शिक्षकों के वेतन मद के बजट में कटौती न की जाए।
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