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20 हजार आवास लटके, अब सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार; पढ़िए पूरी खबर

20 हजार 330 आवास निर्माण के मामले मे सरकार सुप्रीम कोर्ट में जल्द हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ अपील करेगी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 10 Aug 2019 07:38 PM (IST)Updated: Sat, 10 Aug 2019 07:38 PM (IST)
20 हजार आवास लटके, अब सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार; पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। प्रधानमंत्री आवास योजना में साल 2022 तक उत्तराखंड सरकार को 62 हजार सस्ते आवास बनाने हैं। सरकार इस बात से उत्साहित थी कि अब तक उनके पास 20 हजार 330 आवास निर्माण के प्रस्ताव निजी बिल्डरों के माध्यम से आ चुके हैं। हालांकि, इस उम्मीद को जोर का झटका हाईकोर्ट से लगा। हाईकोर्ट ने कृषि भूमि का भू-उपयोग बदलकर आवासीय करने पर रोक जो लगा दी। इसी के साथ सभी प्रस्ताव पर अघोषित विराम लगा दिया गया, क्योंकि निजी बिल्डरों के प्रस्ताव में निर्माण अधिकांश कृषि भूमि पर ही किया जाना था। उत्तराखंड आवास और नगर विकास प्राधिकरण की 12वीं बोर्ड बैठक में भी इस चिंता पर विशेष रूप से चर्चा की गई। शहरी विकास और आवास मंत्री मदन कौशिक ने निर्देश दिए कि सुप्रीम कोर्ट ही एकमात्र रास्ता है और जल्द से जल्द हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ अपील की जाए। 

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शुक्रवार को राजीव गांधी बहुद्देशीय कॉम्पलेक्स स्थित उडा कार्यालय में आयोजित बोर्ड बैठक में 6.72 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव पास किया गया। इसके अलावा अधिकतर बिंदुओं पर दोबारा प्रस्ताव लाने की बात कही गई और खास निष्कर्स नहीं निकल पाया। बैठक में आवास सचिव नितेश झा, संयुक्त मुख्य प्रशासक बंशीधर तिवारी, मुख्य अभियंता नत्था सिंह रावत, अधीक्षण अभियंता एके त्यागी आदि उपस्थित रहे। 

बिल्डरों के यह प्रस्ताव लटके 

बिल्डर, शहर, प्रस्तावित आवास 

एमजीएच प्रा.लि., काशीपुर, 1744 

एमजीएच प्रा.लि., रुद्रपुर, 1540 

एमजीएच प्रा.लि., सिकंदरपुर हरिद्वार, 1500 

एमजीएच प्रा.लि., सलेमपुर हरिद्वार, 1400 

एमजीएच प्रा.लि., सलेमपुर हरिद्वार, 2050 

नागपाल ट्रेड, काठगोदाम, 400 

हरिद्वार-रुड़की बिल्डर, हरिद्वार, 1034 

सुपरटेक बिल्डर, रुद्रपुर, 4928 

पीएपीपी लि., रुद्रपुर, 1488 

सामिया बिल्डर, रुद्रपुर, 2046 

कुल, 20330 आवास 

नक्शों में अनावश्यक एनओसी जरूरी नहीं 

उडा की बोर्ड बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि नक्शे पास कराने या उनकी कंपाउंडिंग को लेकर विकास प्राधिकरण तरह-तरह की एनओसी की मांग कर रहे हैं। ऐसे में ऐसे विभागों से भी एनओसी लाने का दबाव बनाया जाता है, जिनका निर्माण से कोई सीधा संबंध नहीं होता है। शहरी विकास एवं आवास मंत्री ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश जारी किए कि गौर जरूरी एनओसी की व्यवस्था को तत्काल बंद किया जाए। बैठक में इस प्रस्ताव को पास करते हुए प्राधिकरणों को जल्द दिशा-निर्देश जारी करने की बात कही गई। इससे भवन निर्माण करने वाले लोगों को प्राधिकरणों के अनावश्यक उत्पीडऩ से भी निजात मिल सकेगी। 

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