उत्तराखंड में पीजी के दौरान सरकारी चिकित्सकों को पूरा वेतन देगी सरकार
सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है।
देहरादून, जेएनएन। प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत एमबीबीएस के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन करने गए सरकारी चिकित्सकों को दोबारा नौकरी में लाने के लिए पीजी करने के दौरान लिए गए अवकाश पर पूरा वेतन दिया जाएगा। अभी तक सरकार इन्हें आधा ही वेतन देती थी। पीजी की अनुमति से पहले इन चिकित्सकों से पांच साल की अनिवार्य राजकीय सेवा का बॉन्ड भरवाया जाएगा। प्रांतीय चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा संघ की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह घोषणा की।
दरअसल, प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी है। वर्तमान समय में विशेषज्ञ चिकित्सकों के 1258 पद हैं, पर इसके सापेक्ष 415 ही तैनात हैं। यानि 843 पद रिक्त पड़े हैं। कार्डियोलॉजिस्ट, एनेस्थेस्टि, रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट जैसे पद छोडि़ए, सर्जन फिजीशियन, बाल रोग और स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ तक की भारी कमी है। इस कमी को दूर करने के कई प्रयास हुए पर धरातल पर इसका असर नहीं दिखा। अब राज्य सरकार फिर नए सिरे से कोशिश कर रही है। पीजी कोर्स करने के लिए जाने वाले एमबीबीएस चिकित्सकों को अभी तक आधा वेतन दिया जाता था। पर अब राज्य सरकार इनको पूरा वेतन देगी।
महापौर ने दिया 65 वर्ष में सेवानिवृत्त का सुझाव
प्रदेश में चिकित्सकों की कमी दूर करना एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में देहरादून के महापौर सुनील उनियाल गामा ने कार्यक्रम के दौरान यह सुझाव दिया कि चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष कर दी जाए। कई चिकित्सकों को सरकार सेवानिवृत्ति के बाद भी संविदा पर सेवा में लेती है। सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ने पर उनकी सेवा में निरंतरता बनी रहेगी।
ईसीएचएस पैनल में शामिल होगा वेलमेड अस्पताल
क्लेमेनटाउन स्थित वेलमेड अस्पताल भी जल्द ही ईसीएचएस केपैनल में जुड़ जाएगा। इसका लाभ क्लेमेनटाउन और आसपास के रहने वाले पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को तो होगा ही, साथ ही दूर-दराज से उपचार के लिए देहरादून पहुंचने वाले अन्य पूर्व सैनिकों को भी होगा। अस्पताल को ईसीएचएस पैनल में शामिल करने के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम ने निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। ईसीएचएस से हरी झंडी मिलने के बाद अब ईसीएचएस कार्ड धारक पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को इलाज मिलना शुरू हो जाएगा।
अस्पताल में पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए अस्पताल के निदेशक और वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. चेतन शर्मा ने बताया कि क्लेमेनटाउन और आसपास के क्षेत्र में पूर्व सैनिकों की अधिसंख्य आबादी है। इन लोगों को उपचार के लिए पहले गढ़ी कैंट स्थित पॉलीक्लीनिक जाना पड़ता है। फिर ईसीएचएस पैनल में शामिल शहर के किसी अन्य अस्पताल में। बताया कि क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। अब ईसीएचएस प्रबंधन से हरी झंडी मिलने का इंतजार है।
उन्होंने बताया कि अस्पताल में मरीजों के लिए कार्डियो, ट्रामा, 24 घंटे इमरजेंसी आदि सुविधाएं उपलब्ध हैं। ईसीएचएस पैनल में शामिल होने के बाद पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को नजदीक ही उपचार की सुविधा मिल पाएगी। विदित हो कि क्लेमेनटाउन छावनी क्षेत्र में पूर्व सैनिकों के लिए पॉलीक्लीनिक खोलने की स्वीकृति पूर्व में ही मिल चुकी है। पॉलीक्लीनिक बनने से क्लेमेनटाउन और आसपास के पूर्व सैनिकों को गढ़ी कैंट का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। इस दौरान क्लेमेनटाउन रेजीडेंट सोसायटी के पदाधिकारी व भाजपा नेता महेश पांडे, अस्पताल के प्रबंधक सुनील कुकरेती आदि भी मौजूद रहे।
रामनगर अस्पताल भी अब पीपीपी मोड पर चलेगा
रामनगर का संयुक्त चिकित्सालय अब पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर संचालित होगा। इसके अलावा बीरोंखाल पौड़ी और भिकियासैंण (अल्मोड़ा) के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को भी पीपीपी मोड पर सौंप दिया गया है। विश्व बैंक पोषित उतराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के परियोजना निदेशक युगल किशोर पंत की अध्यक्षता में लोक निजी सहभागिता के अंतर्गत संचालित होने वाले रामनगर क्लस्टर को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए एक बैठक हुई।
एनएचएम साभागार में हुई बैठक में रामनगर क्लस्टर के लिए चयनित हेल्थ पार्टनर शुभम सर्वम मेडिकल प्रोजेक्ट्स को संयुक्त चिकित्सालय रामनगर (नैनीताल), सीएचसी भिकियासैंण और बीरोंखाल और तीन मोबाइल हेल्थ वैन के माध्यम से क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा के बेहतर संचालन के लिए अनुबंधित किया गया। बैठक में इन अस्पतालों में विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए नैनीताल, अल्मोड़ा और गढ़वाल जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और परियोजना अधिकारी के मध्य आने वाली चुनौतियों पर विमर्श किया गया।
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परियोजना निदेशक ने बताया कि ई-टेंडर के माध्यम से शुभम सर्वम मेडिकल प्रोजेक्ट्स का चयन किया गया है। कंपनी शीघ्र ही विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना शुरू कर देगी। इस अवसर पर सेवा प्रदाता और संबंधित राजकीय चिकित्सा इकाइयों के डॉ. बीडी जोशी, डॉ. पीयूष रंजन, चन्द्रमोहन बिष्ट आदि मौजूद रहे।
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