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अटल आयुष्मान योजना को पलीता, सरकारी सर्जन ने निजी अस्पताल में किया इलाज

निजी अस्पताल अटल आयुष्मान योजना को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इस काम में सरकारी चिकित्सा कार्मिक भी उनके साथ गठजोड़ में पीछे नहीं।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 11 Jun 2019 09:15 AM (IST)Updated: Tue, 11 Jun 2019 08:14 PM (IST)
अटल आयुष्मान योजना को पलीता, सरकारी सर्जन ने निजी अस्पताल में किया इलाज
अटल आयुष्मान योजना को पलीता, सरकारी सर्जन ने निजी अस्पताल में किया इलाज

देहरादून, जेएनएन। निजी अस्पताल अटल आयुष्मान योजना को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इस काम में सरकारी चिकित्सा कार्मिक भी उनके साथ गठजोड़ में पीछे नहीं। इस कड़ी में काशीपुर के दो और अस्पतालों का फर्जीवाड़ा सामने आया है। 

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इनमें एलपी भट्ट राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय के सर्जन डॉ. विकास गहलोत ने सरकारी अस्पताल में मरीजों का उपचार करने की जगह देवकी नंदन हॉस्पिटल (तहसील रोड, काशीपुर) नाम के उस निजी अस्पताल में मरीजों को रेफर कर दिया, जहां वह स्वयं भी प्रैक्टिस करते हैं। इसके साथ ही रेफर किए गए अधिकांश मरीजों का उपचार भी उन्होंने निजी अस्पताल में स्वयं किया।

वहीं, काशीपुर के ही जनसेवा हॉस्पिटल (सिद्दीकी मार्केट) में मरीजों को रेफर करने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, केलाखेड़ा के फार्मेसिस्ट अनुराग रावत ने स्वयं मेडिकल ऑफिसर की फर्जी मोहर लगाकर मरीजों को रेफर करा दिया।

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के निदेशक डॉ. अभिषेक त्रिपाठी के अनुसार दोनों ही अस्पतालों में रेफर किए गए अधिकतर मरीजों के केस न सिर्फ प्लान्ड हैं, बल्कि इसके लिए आवश्यक अनुमति भी नहीं ली गई। देवकी नंदन हॉस्पिटल के मामले में जांच की तिथि 16 मई तक कुल 149 मरीजों का उपचार किया गया और इनमें से 82 केस प्लान्ड पाए गए हैं। 

इसी तरह जनसेवा हॉस्पिटल जांच की तिथि सात जून तक 73 मरीजों का इलाज किया गया और इसमें 55 केस प्लान्ड पाए गए। दोनों ही चिकित्सा प्रतिष्ठानों की सूचीबद्धता निलंबित करने के साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जितनी राशि अस्पतालों ने प्राप्त की है, उसे लौटाने को कहा गया है और लंबित राशि के भुगतान पर भी रोक लगा दी गई है। नोटिस का संतोषजनक जवाब न मिलने पर सूचीबद्धता निरस्त कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

7.58 लाख हड़पे, 11.60 लाख की और थी तैयारी

योजना के निदेशक डॉ. त्रिपाठी के अनुसार दोनों अस्पताल अब तक फर्जी तरीके से 7.58 लाख का क्लेम प्राप्त कर चुके हैं, जबकि 11.60 लाख रुपये का क्लेम और हड़प करने की तैयारी थी।

प्राप्त और लंबित क्लेम की स्थिति

देवकी नंदन हॉस्पिटल

प्राप्त, 551900

लंबित, 1106800

जनसेवा हॉस्पिटल

प्राप्त, 207000

लंबित, 54000

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