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अटल आयुष्मान में इलाज के दौरान मरीज की मौत पर अस्पताल को नोटिस

अटल आयुष्मान योजना के तहत गलत इलाज करने के आरोप में रामनगर के बृजेश अस्पताल को एक और नोटिस जारी किया गया है।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 04 Jun 2019 12:35 PM (IST)Updated: Tue, 04 Jun 2019 12:35 PM (IST)
अटल आयुष्मान में इलाज के दौरान मरीज की मौत पर अस्पताल को नोटिस
अटल आयुष्मान में इलाज के दौरान मरीज की मौत पर अस्पताल को नोटिस

देहरादून, जेएनएन। अटल आयुष्मान योजना के तहत गलत इलाज करने के आरोप में रामनगर के बृजेश अस्पताल को एक और नोटिस जारी किया गया है। यहां एक मरीज को बिना उचित जांच के आइसीयू में भर्ती किया गया। उसके इलाज में देरी हुई और उसकी मौत हो गई। अस्पताल को कारण बताओ नोटिस भेज 15 दिन में जवाब मांगा गया है।

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इससे पहले आयुष्मान कार्ड धारकों से पैसे वसूलने के आरोप में भी अस्पताल को नोटिस जारी किया जा चुका है। इसके बाद अस्पताल के खिलाफ अन्य शिकायतों पर भी उत्तराखंड स्वास्थ्य अभिकरण ने जांच की। पता चला कि बृजेश अस्पताल में गत आठ फरवरी को एक मरीज गंभीर हालत में भर्ती किया गया था। 

अस्पताल के एमडी डॉ. बृजेश अग्रवाल ने उसकी दो जांचें सीटी थोरेक्स और सीबीसी कराने को कहा। मरीज की हालत बिगड़ी तो सीटी थारेक्स नहीं कराया गया, केवल सीबीसी जांच ही कराई गई। इस जांच रिपोर्ट पर खुद डॉ. बृजेश ने हस्ताक्षर किए। 

निदेशक (प्रशासन) अटल आयुष्मान योजना डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि डॉ. बृजेश पैथोलॉजिस्ट नहीं है, ऐसे में ये हस्ताक्षर अवैध हैं। यानी जांच कराई भी है, या नहीं इसके बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। इसके बाद गंभीर मरीज की भर्ती के दौरान उचित जांच भी नहीं कराई गई। 

इससे उसकी हालत बिगड़ती चली गई। रात में साढ़े दस बजे मरीज की मौत हो गई। इस प्रकरण में अब फिर से बृजेश अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

पेनक्रियाटिक बताया, रिपोर्ट आई सामान्य

अस्पताल ने एक नहीं कई फर्जीवाड़े अंजाम दिए हैं। पांच अन्य मरीजों के मामले में अस्पताल ने लगभग 65 हजार रुपये का क्लेम योजना के तहत पा लिया। इन पांच मरीजों का पेनक्रियाटिक बीमारी दर्शाकर क्लेम लिया गया। रक्त जांच के नमूनों की रिपोर्ट सामान्य थी। 

इस तरह अस्पताल ने पहले भी कई मरीजों का गलत इलाज दर्शाकर योजना के तहत क्लेम की रकम हड़पी है। डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल के अगले सभी क्लेम तत्काल प्रभाव से रोक दिए गए हैं।

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