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    वेतन कटौती की सहमति देने वालों का नाम बताएं सरकार

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Mon, 29 Jun 2020 08:42 AM (IST)

    एक साल तक हर महीने एक दिन का वेतन काटने की बात सरकार ने हाई कोर्ट में कही। यह बात जबसे बाहर आई है कर्मचारि‍यों ने कहा सरकार उनका नाम सार्वजनिक करे।

    वेतन कटौती की सहमति देने वालों का नाम बताएं सरकार

    देहरादून, जेएनएन। एक साल तक हर महीने एक दिन का वेतन काटने की बात सरकार ने हाई कोर्ट में कही। यह बात जबसे बाहर आई है, कर्मचारी और शिक्षक संगठनों में रोष बढ़ गया है। उनका कहना है कि किन कर्मचारी संगठनों ने इस पर हामी भरी है, सरकार उनका नाम सार्वजनिक करे।

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    प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संगठन के प्रांत महामंत्री राजेंद्र बहुगुणा ने कहा कि सरकार ने बिना कर्मचारी एवं शिक्षक संगठनों की सहमति के हर महीने एक का वेतन काटने का फैसला लिया है। बावजूद इसके सरकार ने कोर्ट में गलत सूचना प्रेषित कर संगठनों द्वारा सहमति जताने की बात कही है।

    बताया कि संगठनों ने केवल मार्च महीने में एक दिन का वेतन स्वेच्छा से देने पर सहमति जताई थी। सरकार द्वारा साल भर तक वेतन कटौती के फैसले का सभी कर्मचारी एवं शिक्षक संगठन पहले दिन से ही विरोध कर रहे हैं। कहा कि सरकार ने कोर्ट में गलत सूचना देकर कोर्ट की अवमानना की है। उधर, यह बात सामने आने के बाद से ही राजकीय शिक्षक संघ और प्राथमिक शिक्षक संघ में भी लगातार इसका विरोध हो रहा है। शिक्षक सरकार से सहमति देने वाले संगठन का नाम बताने की मांग कर रहे हैं।

    शिक्षा निदेशक और सचिव से मिलेंगे शिक्षक

    चयन प्रोन्नत वेतनमान पर एक इंक्रीमेंट पर लाभ नहीं दिए जाने से शिक्षकों में रोष है। शिक्षा विभाग द्वारा लिए गए इस फैसले पर चर्चा करने के लिए राजकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारी शिक्षा निदेशक और शिक्षा सचिव से सोमवार को मिलेंगे। राजकीय शिक्षक संघ के महामंत्री सोहन सिंह माझि‍ला ने बताया कि 7वें वेतनमान के तहत शिक्षकों को यह इंक्रीमेंट मिलना है। शासनादेश में भी इसका जिक्र है। बावजूद इसके शिक्षा विभाग द्वारा इसकी गलत आख्या की जा रही है।

    राजकीय वाहन चालकों ने दी आंदोलन की चेतावनी

    सुविधाओं और वेतन कटौती समेत अन्य मुद्दों को लेकर ऑल इंडिया गवर्नमेंट ड्राइवर फेडरेशन ने जुलाई के अंतिम सप्ताह में देश भर में आंदोलन की चेतावनी दी है। रविवार को हुई फेडरेशन की ऑनलाइन बैठक में निर्णय लिया गया कि आंदोलन से पूर्व 15 से 20 जुलाई के मध्य देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजा जाएगा। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलन राजवंशी ने कहा कि राजकीय वाहन चालकों के मौलिक अधिकारों के हनन से उनमें भारी आक्रोश व्याप्त है। 

    जुलाई अंतिम सप्ताह में होने वाले आंदोलन के बीच संपूर्ण भारत में राजकीय वाहन चालक अपने घरों में शांति पाठ कर चीन सीमा पर शहीद हुए वीर सैनिकों को याद करेंगे। सात अगस्त को आंदोलन की समीक्षा के बाद मांगे न माने जाने की स्थिति में नौ अगस्त से दूसरे चरण के आंदोलन की घोषणा कर दी जाएगी। 

    बैठक का संचालन फेडरेशन के राष्ट्रीय कार्यवाहक महामंत्री संदीप कुमार मौर्य ने देहरादून से किया। बैठक में राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष रामफेर पांडेय (लखनऊ), राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंद्रपाल शर्मा, अतर सिंह (नई दिल्ली) जोनल अध्यक्ष हरविंदर सिंह काला (पंजाब), जरनैल सिंह नेथाना (पंजाब), वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनंत राम शर्मा, पंकज भंडारी (उत्तराखंड) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्य प्रकाश शर्मा, महेश शर्मा (राजस्थान), राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नवीन कुमार (हरियाणा) व अन्य राज्यों से पदाधिकारी एवं सदस्य शामिल हुए।

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    रिकवरी के लिए कर्मचारियों की श्रेणी बदलने का मुद्दा भी गर्माया

    शिक्षकों से छठे वेतनमान की रिकवरी के लिए भी सरकार द्वारा गलत तथ्य पेश करने का मामला तूल पकड़ने लगा है। प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के महामंत्री राजेंद्र बहुगुणा ने बताया कि सरकार ने छठे वेतनमान की जबरन रिकवरी के लिए हाईकोर्ट में गलत सूचना प्रेषित कर शिक्षकों की श्रेणी ही गलत बता दी। बताया कि सरकार ने कोर्ट में शिक्षकों को ‘ग’ श्रेणी की बजाय ‘ख’ श्रेणी का बता दिया। मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।

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