वैश्विक एयर स्पेस की प्रगति में छात्रों का अहम रोल: डॉ. टेसी थॉमस
डीआरडीओ में एयरोनॉटिकल सिस्टम की महानिदेशक एवं प्रतिष्ठित विज्ञानी डॉ. टेसी थॉमस ने यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड इनर्जी स्टडीज में छात्रों से अपने अनुभव साझा किए।
देहरादून, जेएनएन। मिसाइल वुमेन ऑफ इंडिया के नाम से प्रसिद्ध डीआरडीओ में एयरोनॉटिकल सिस्टम की महानिदेशक एवं प्रतिष्ठित विज्ञानी डॉ. टेसी थॉमस ने यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड इनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) में छात्रों से अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि जिस तरह देश में अंतरिक्ष विज्ञान प्रगति के पथ पर अग्रसर है। ठीक उसी प्रकार छात्रों और शिक्षकों को भी उन्नति के पथ पर तेजी से आगे बढ़ना चाहिए।
यूपीईएस के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग ने दूसरे राष्ट्रीय अंतरिक्ष सम्मेलन का आयोजन किया था। जिसमें देश की इंटरनेशनल बैलिस्टिक मिसाइल 'अग्नि-4' की परियोजना निदेशक डॉ. टेसी थॉमस बतौर मुख्य अतिथि पहुंचीं। उन्होंने छात्रों से बातचीत के दौरान कहा कि मुझे भारत की मिसाइल परियोजना का नेतृत्व करने वाली देश की पहली महिला होने पर बहुत गर्व है। मैं अभी तक मिली उपलब्धि से संतुष्ट भी हूं। अपनी वर्तमान भूमिका में अंतरिक्ष विज्ञान के विकास में योगदान देने को सदैव तत्पर रहती हूं। सम्मेलन में हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के पूर्व निदेशक वीएम चमोला ने भी छात्रों से अपने अनुभव साझा किए। कहा कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में देश की प्रगति में युवा नवाचारियों का अहम रोल है। इसलिए वह अपनी योग्यता को कम करके न आंके।
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सम्मेलन के दूसरे विशिष्ट अतिथि यूसर्क के निदेशक डॉ. दुर्गेश पंत ने कहा कि डॉ. टेसी थॉमस का एक-एक शब्द युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। विवि के वरिष्ठ निदेशक अरुण ढांड ने बताया कि सम्मेलन का आयोजन यूसर्क, स्पेस जेनेरेशन एडवाइजरी काउंसिल (एसजीएसी) व स्पेस इंडिया नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस मौके पर यूपीईएस के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष डॉ.सुधीर जोशी, जोजिमस लाबाना, विपिन कुमार आदि मौजूद रहे।
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