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    कोरोना सरकार का प्रपंच, जारी रहेगी जनरल ओबीसी कार्मिकों की हड़ताल

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    Updated: Tue, 17 Mar 2020 08:16 AM (IST)

    पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने को लेकर आंदोलित जनरल ओबीसी कार्मिकों की हड़ताल 15वें दिन सोमवार को भी जारी रही। उनके हौसले पर कोरोना का कोई असर नहीं दिखा।

    कोरोना सरकार का प्रपंच, जारी रहेगी जनरल ओबीसी कार्मिकों की हड़ताल

    देहरादून, जेएनएन। पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने को लेकर आंदोलित जनरल ओबीसी कार्मिकों की हड़ताल 15वें दिन सोमवार को भी जारी रही। उनके हौसले पर कोरोना का कोई असर नहीं दिखा। 

    परेड ग्राउंड में आयोजित सभा में उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के नेताओं ने कहा कि सरकार कोरोना को लेकर बेवजह डर का माहौल पैदा कर रही है। सरकार चाहती है कि कोरोना का डर दिखा हड़ताल को वापस करा दिया जाए, लेकिन ऐसा कतई नहीं होगा। जब तक शासनादेश उन्हें नहीं मिल जाता, सरकार इस मुगालते में न रहे कि कर्मचारी हड़ताल खत्म कर देंगे। एसोसिएशन ने सरकार 25 मार्च तक अल्टीमेटम दिया है। तब तक मांग पूरी नहीं हो जाती है तो आंदोलन तेज होगा।

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    वहीं, मंगलवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर कार्मिक परिवार के साथ धरना देंगे। परेड ग्राउंड स्थित सभास्थल पहुंचे कर्मचारी और एसोसिएशन के नेता भले ही कोरोना को सरकार प्रपंच बता रहे हैं, लेकिन हकीकत में चिंता उनके भी चेहरे पर झलक रही है। सभास्थल में प्रवेश करने वाले तकरीबन सभी कार्मिक सेनिटाइजर का प्रयोग करने के बाद धरने पर बैठे। वहीं एसोसिएशन की ओर से कर्मचारियों को मास्क भी दिया गया। हालांकि कई कर्मचारी मास्क और सेनिटाइजर साथ लेकर सभा में शामिल होने को पहुंचे थे। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि सरकार कोरोना को कर्मचारियों के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना चाहती है। कोरोना को लेकर हम भी सतर्क हैं और आम नागरिकों के स्वास्थ्य और सुविधा का भी हमें ख्याल है। इसलिए स्वास्थ्य, परिवहन जैसी आवश्यक सेवाओं को हड़ताल से अलग रखा गया है।

    \स्वास्थ्यकर्मी केवल ढाई घंटे का कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। एसोसिएशन के मुख्य संयोजक संदीप मोहन चमोला ने कहा कि आंदोलन को जन सहयोग मिल रहा है, लेकिन सरकार राजनैतिक कारणों से कर्मचारियों को मोहरा बना रही है। सरकार को ध्यान देना होगा कि उनके आंदोलन को कई विधायकों और सामाजिक संगठनों ने समर्थन दिया है। ऐसे में सरकार के हित में होगा कि वह पदोन्नति में आरक्षण व्यवस्था को तत्काल खत्म कर दे। सभा में मीडिया प्रभारी वीके धस्माना, जनपदीय अध्यक्ष आशुतोष सेमवाल व उपाध्यक्ष जगमोहन सिंह, मिनिस्ट्रीयल फेडरेशन के मंडलीय अध्यक्ष मुकेश बहुगुणा, मुकेश ध्यानी, हीरा सिंह बसेड़ा, शंकर दत्त पाठक, जेपी मैखुरी, यशवंत रावत, पूर्णानंद नौटियाल, बनवारी सिंह रावत, शक्ति प्रसाद भट्ट, प्रेमप्रकाश शैली, देवेंद्र सिंह, रेनू लांबा, प्रदीन पपनै ने भी संबोधित किया।

    जिला मुख्यालयों पर धरना 

    उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के बैनर तले कार्मिक मंगलवार को जिला मुख्यालयों पर धरना देंगे। प्रांतीय महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाई ने बताया इसमें कार्मिकों के अलावा उनके परिवार के सदस्य भी शामिल होंगे। इस धरने के माध्यम से सरकार को यह संदेश देना है कि मुद्दा अब केवल कर्मचारियों का नहीं रह गया है। यह अब उसके परिवार और आम नागरिकों के हित से जुड़ गया है। 

    चक्काजाम पर फैसला

    राजकीय वाहन चालक महासंघ की ओर से मंगलवार को प्रदेश भर में सरकारी वाहनों का चक्काजाम करने के संबंध में निर्णय स्पष्ट नहीं हो पाया है। एसोसिएशन के महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाईं ने बताया कि महासंघ से वार्ता चल रही है। इस संबंध में मंगलवार को कोरोना और अन्य तमाम पहलुओं पर गौर करने के बाद निर्णय लिया जाएगा।

    ऊर्जा निगम कर्मी भी हड़ताल में शामिल 

    बेमियादी हड़ताल में ऊर्जा निगमों के कर्मचारी भी शामिल हो गए हैं। उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन की ऊर्जा निगम की शाखा ने निगमों में कार्य कर रहे जनरल ओबीसी कार्मिकों को कार्यालयों से बाहर निकालने के लिए सचल दस्ते का भी गठन कर दिया गया है। सोमवार को परेड ग्राउंड की सभा में एसोसिएशन की ऊर्जा निगम शाखा के अध्यक्ष राहुल अग्रवाल, संयोजक सचिव अमित रंजन ने कहा कि निगम के कार्मिकों को अधिकारी भयाक्रांत कर रहे हैं। 

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    हड़ताल में निगमों में काम कर रहे जनरल ओबीसी कार्मिक हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। जो हड़ताल में शामिल नहीं होगा, उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। सभा में ऊर्जा निगम के संदीप शर्मा, रविंद्र सैनी, दीपक बेनवाल रावत, एमएस नेगी, दीपक शैली, बीएस पंवार, अनिल मिश्रा, प्रशांत बहुगुणा, अनिल धीमान, बलवंत सिंह, सोहन शर्मा, केडी जोशी, सुनील उनियाल, विनोद कवि, सुनील पोखरियाल, मनोज कंडवाल, रेखा डंगवाल, बीना शर्मा, कविता उनियाल व अन्य शामिल हुए।

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