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    आर्टिगो रेजीडेंसी में फ्लैट दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी, ICICI बैंक के प्रबंधक समेत छह पर मुकदमा

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Sun, 22 Aug 2021 11:10 AM (IST)

    आर्टिगो रेजीडेंसी में फ्लैट दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति से धोखाधड़ी हो गई। पीड़ित को आठवीं मंजिल पर फ्लैट देने का अनुबंध किया गया जबकि एमडीडीए से छह म ...और पढ़ें

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    आर्टिगो रेजीडेंसी में फ्लैट दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। राजपुर रोड स्थित आर्टिगो रेजीडेंसी में फ्लैट दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति से धोखाधड़ी हो गई। पीड़ित को आठवीं मंजिल पर फ्लैट देने का अनुबंध किया गया, जबकि एमडीडीए से छह मंजिल की ही स्वीकृति थी। राजपुर थाना पुलिस ने आवासीय योजना एसए बिलटेक की निदेशक, ऋण जारी करने वाले आइसीआइसीआइ बैंक के प्रबंधक सहित छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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    साईं लोक, जीएमएस रोड के रहने वाले सुमित नेगी ने बताया कि उन्होंने 10 मार्च, 2017 को एसए बिलटेक से आर्टिगो रेजीडेंसी में फ्लैट के लिए एक करोड़, 95 लाख रुपये में अनुबंध किया था। कंपनी की निदेशक सुनीता शर्मा ने आठवीं मंजिल पर 802 नंबर फ्लैट देने का वादा किया। 10 मार्च, 2017 से 36 महीनों के भीतर फ्लैट का कब्जा दिया जाना था, लेकिन 45 महीने के बाद भी परियोजना अभी भी निर्माणाधीन है।

    बिलटेक के स्टाफ ने ऋण लेने के संबंध में सुनील नेगी को आइसीआइसीआइ बैंक के प्रबंधक से मिलवाया। बैंक की ओर से 18 मार्च, 2017 को फ्लैट के लिए एक करोड़, 54 लाख, 60 हजार रुपये का ऋण स्वीकृत कर दिया। पीड़ित ने बताया कि आइसीआइसीआइ बैंक ने उनकी स्वीकृति के बिना ही 8.65 प्रतिशत ब्याज पर ऋण की रकम कंपनी को दे दी। राजपुर के एसओ राकेश शाह ने बताया कि धोखाधड़ी करने पर एसए बिलटेक की निदेशक सुनीता शर्मा, प्रेमदत्त शर्मा, आराधना शर्मा, भूस्वामी गुरमीत कौर व सुनील अग्रवाल और प्रबंधक आइसीआइसीआई बैंक, न्यू कैंट रोड के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

    रेरा में चल रहा है विवाद

    आर्टिगो रेजीडेंसी योजना में कंपनी का रेरा से भी विवाद चल रहा है। इसके अलावा कंपनी की ओर से कई निवेशकों के साथ सातवीं व आठवीं मंजिल पर फ्लैट देने का अनुबंध किया है, जबकि एमडीडीए की ओर से छह मंजिल भवन तक ही स्वीकृत दी जाती है। एसओ राजपुर ने बताया कि अभी उनके पास एक ही पीड़ित आया है। पीड़ितों की संख्या बढ़ भी सकती है। जिस प्रकार शिकायतें आएंगी, उसी हिसाब से मुकदमे दर्ज किए जाएंगे।

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