Move to Jagran APP

इन चार जिलों ने 'तीलू रौतेली पुरस्कार' से फेरा मुंह, जानिए

उत्तराखंड के चार जिलों ने सबसे बड़े महिला सम्मान तीलू रौतेली पुरस्कार से मुंह फेर लिया। इन जिलों से एक भी नाम नहीं भेजा गया है।

By Edited By: Published: Thu, 28 Jun 2018 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jun 2018 10:26 PM (IST)
इन चार जिलों ने 'तीलू रौतेली पुरस्कार' से फेरा मुंह, जानिए
इन चार जिलों ने 'तीलू रौतेली पुरस्कार' से फेरा मुंह, जानिए

देहरादून, [जेएनएन]: प्रदेश के सबसे बड़े महिला सम्मान 'तीलू रौतेली पुरस्कार' में चार जिलों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। प्रत्येक जिले से सराहनीय कार्य करने वाली एक-एक महिला का नाम मांगा गया था। लेकिन, हैरत की बात है कि टिहरी, चमोली, चंपावत और पौड़ी ने नाम भेजे ही नहीं। यह हाल तब है जब पिछले दो वर्षो से यह पुरस्कार नहीं दिया जा रहा था और सभी जिलों से पुरस्कार देने की मांग उठाई जा रही थी। 

loksabha election banner

वर्ष 2018-19 के लिए बाल एवं महिला विकास निदेशालय की ओर से 13 महिलाओं के नामों की घोषणा कर दी गई है। इनमें चार जिलों से कोई नाम नहीं है। इनके बजाय देहरादून से दो और उत्तरकाशी और ऊधमसिंहनगर से एक-एक नाम अतिरिक्त चुना गया है। प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए जिलों से नाम नहीं भेजे जाने पर निदेशालय के अधिकारी भी हैरत में है।

निदेशालय की ओर से संबंधित जिले के विभागीय अधिकारियों से जवाब भी मांगा जा सकता है। पुरस्कार वितरण छह या सात जुलाई को संभावित है। यह है प्रक्रिया तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए सबसे पहले ब्लॉकों से एक-एक नाम जिलों में भेजे जाते हैं। जिले अपने-अपने ब्लॉकों के नामों से एक नाम का चयन कर निदेशालय को भेजते हैं। हर जिले से एक-एक नाम भेजा जाता है और 13 महिलाओं को पुरस्कार दिए जाते हैं।

यह है स्थिति

जिला,       नामों की संख्या

देहरादून,    03

टिहरी,       00

रुद्रप्रयाग,  01

चमोली,     00

उत्तरकाशी, 02

हरिद्वार,     01

नैनीताल,     01

बागेश्वर,      01

चंपावत,      00

अल्मोड़ा,     01

पिथौरागढ़,  01

यूएसनगर,  02

पौड़ी,         00

महिला सशक्तिरण विभाग के निदेशक रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि चार जिलों से तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए नाम नहीं भेजे गए हैं। यह उनकी उदासीनता को दर्शाता है। इन जिलों के बजाय अन्य जिलों से नाम चुने गए हैं। 

यह भी पढ़ें: हाईटेक बिजली व्यवस्था को करना होगा इंतजार, भूमिगत होंगी लाइनें

यह भी पढ़ें: पर्याप्त बिजली के बावजूद उत्तराखंड में की जा रही कटौती, लोग परेशान


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.