उत्तराखंड के चार शहर नमामि गंगे एक्शन प्लान में शामिल
उत्तराखंड को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत देते हुए देहरादून, केदारनाथ, श्रीकोट और उत्तरकाशी को नमामि गंगे एक्शन प्लान में शामिल किया है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से शुरू की गई केंद्र सरकार की प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों की समीक्षा श्रृंखला के पहले दिन डबल इंजन का असर साफ दिखाई दिया। उत्तराखंड को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत देते हुए देहरादून, केदारनाथ, श्रीकोट और उत्तरकाशी को नमामि गंगे एक्शन प्लान में शामिल किया है।
इससे इन शहरों में सीवरेज ट्रीटमेंट कार्यों और घाट निर्माण सहित कई कार्यों में तेजी आएगी। वहीं धर्मनगरी हरिद्वार के बचे हुए सीवरेज नेटवर्क प्लान को भी एक्शन प्लान में सम्मिलित किए जाने पर सहमति दी गई है।
सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पेयजल मंत्री प्रकाश पंत की मौजूदगी में हुई त्रिपक्षीय बैठक में नमामि गंगे और स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई इस बैठक में केंद्र सरकार के अधिकारियों में नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के महानिदेशक राजीव रंजन और सभी जिलाधिकारी शामिल रहे।
बैठक में एनएमसीजी महानिदेशक राजीव रंजन ने नमामि गंगे एक्शन प्लान के उत्तराखंड में किए गए विस्तार की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हरिद्वार में खड़खड़ी घाट के जीर्णोद्धार के लिए क्लीन गंगा फंड से धन दिया जाएगा।
बैठक में मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों और संबंधित विभागों को गंगा स्वच्छता से जुड़े सभी कार्यक्रमों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी महीने के पहले सोमवार अपने जिलों में नमामि गंगे और स्वच्छता कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे। जिन जिलों में नमामि गंगे परियोजना नहीं हैं, वहां जिलाधिकारियों को स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। उन्होंने जरूरत पड़ने पर राज्य मुख्यालय, केंद्र के अधिकारियों व एनएमसीजी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने आगामी दिसंबर तक जिलाधिकारियों को हर हाल में लंबित एसटीपी और घाट निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। वर्तमान में गंगा नदी के 16 शहरों में 31 एसटीपी प्रोजेक्ट स्वीकृत हैं। इनमें से 13 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं। उन्होंने शहरी नालों की नियमित सफाई करने पर जोर दिया। पॉलिथीन व प्लास्टिकजनित कूड़े पर सख्त नाराजगी जताई। सभी जिलाधिकारियों को टास्क फोर्स गठित उक्त कूड़े पर सख्ती बरतने की हिदायत दी।
उन्होंने वर्ष 2012 के बेसलाइन सर्वे के बाद नए शौचालयविहीन घरों का सर्वे शीघ्र पूरा करने को कहा। बैठक में बताया गया कि एससीईआरटी के सहयोग से छोटे बच्चों के लिए स्वच्छता पर आधारित पाठ्यवस्तु तैयार की गई है।
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