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    मौसम की बेरुखी से सुलग रहे उत्तराखंड के जंगल, विशेषज्ञों ने जताई ये आशंका

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Sat, 10 Apr 2021 02:10 PM (IST)

    उत्तराखंड के जंगलों पर मौसम की बेरुखी भारी पड़ रही है। शीतकाल में कम बारिश का खमियाजा पेड़-पौधों और वन्यजीवों को ही नहीं ग्रामीणों को भी भुगतना पड़ रहा है। मार्च में सामान्य 80 फीसद कम बारिश होने से जंगलों में आग विकराल रूप धारण कर रही है।

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    मौसम की बेरुखी से सुलग रहे उत्तराखंड के जंगल।

    विजय जोशी, देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों पर मौसम की बेरुखी भारी पड़ रही है। शीतकाल में कम बारिश का खमियाजा पेड़-पौधों और वन्यजीवों को ही नहीं ग्रामीणों को भी भुगतना पड़ रहा है। मार्च में सामान्य 80 फीसद कम बारिश होने से जंगलों में आग विकराल रूप धारण कर रही है। मौसम का असामान्य बर्ताव जंगलों में बढ़ रही आग की घटनाओं का मुख्य कारण है। विशेषज्ञों ने भी कम बारिश के मद्देनजर प्रदेश में सूखे की आशंका जताई।

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    उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के साथ जंगल की आग भी तेजी से फैल रही है। फायर सीजन शुरू होने के बाद से बड़े पैमाने पर जंगल सुलग रहे हैं। इस बार अन्य सालों की तुलना में आग की घटनाओं में इजाफा हुआ है और अभी मानसून के दस्तक देने में भी करीब ढाई माह का समय है। ऐसे में वन विभाग और सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं।

    पिछले मानसून में सामान्य से 20 फीसद कम बारिश होने के बाद शीतकाल में अच्छी बारिश और बर्फबारी की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन मेघों की बेरुखी और बढ़ गई। इसके बाद से बारिश सामान्य से आधी भी नहीं हुई। अक्टूबर से जनवरी तक सामान्य से 71 फीसद कम बारिश हुई। इसके बाद स्थिति और बद्तर होती गई।

    उत्तराखंड में बारिश की स्थिति

    माह, सामान्य बारिश, वास्तविक बारिश, अंतर

    अक्टूबर, 30.30, 0.1, -99

    नवंबर, 7.2, 9.6, 34

    दिसंबर, 18.0, 8.1, -55

    जनवरी, 33.1, 27.3, -18

    फरवरी, 43.4, 23.8, -48

    मार्च, 60.2, 12.4, -80

    (नोट: बारिश मिलीमीटर में और अंतर फीसद में है।)

    जनवरी से अब तक जंगल की आग

    घटनाएं, प्रभावित क्षेत्र, पेड़, अनुमानित नुकसान

    1634, 2275.47 हेक्टेयर, 12630, 62 लाख

    मौसम विज्ञानी रोहित थपलियाल का कहना है कि बीते मानसून के बाद से ही प्रदेश मौसम की बेरुखी झेल रहा है। सामान्य से काफी कम बारिश होने से भूमि और वातावरण में नमी का अभाव है, जिससे मौसम शुष्क बना हुआ है। शीतकाल में पश्चिमी विक्षोभ ने कई बार दगा दिया। आने वाले दिनों में भी बारिश सामान्य से कम रहने के आसार हैं।

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