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...तो सुरक्षित नहीं वन विभाग की वेबसाइट, जानिए क्यों उठ रहे हैं ये सवाल

उत्तराखंड में वनों की आग को लेकर हर तरफ हड़कंप मचा हुआ है। वन महकमे के साथ ही एनडीआरएफ की टीमें भी प्रदेश के जंगलों की आग बुझाने में जुटी हैं लेकिन वन महकमे की तैयारियों पर लगातार सवाल भी उठ रहे हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 01:05 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 01:05 PM (IST)
...तो सुरक्षित नहीं वन विभाग की वेबसाइट, जानिए क्यों उठ रहे हैं ये सवाल
तो सुरक्षित नहीं वन विभाग की वेबसाइट, जानिए क्यों उठ रहे हैं ये सवाल।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में वनों की आग को लेकर हर तरफ हड़कंप मचा हुआ है। वन महकमे के साथ ही एनडीआरएफ की टीमें भी प्रदेश के जंगलों की आग बुझाने में जुटी हैं, लेकिन वन महकमे की तैयारियों पर लगातार सवाल भी उठ रहे हैं। हाल ही में हाई कोर्ट की ओर से भी इंतजाम को लेकर वन विभाग को फटकार लगाई गई। इसके बाद विभाग ने इस ओर गंभीरता से कार्य करने का दावा भी किया, लेकिन अब भी अव्यवस्था विभाग के कार्यों पर हावी है। वन विभाग की वेबसाइट पर जंगल की आग से जुड़ी जानकारी के लिए लिंक दिया गया है, जो खुलता ही नहीं है और नोडल ऑफिस का लैंडलाइन नंबर भी नहीं लग रहा है। ऐसे में जानकारी मिले भी तो कहां से।

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दरअसल, वनों की आग के बढ़ते मामलों को लेकर वन विभाग की ओर से जानकारी लेने और शिकायत करने के लिए वेबसाइट पर विशेष लिंक और फोन नंबर उपलब्ध कराए गए हैं। लेकिन, लिंक पर क्लिक करने पर इसे असुरक्षित बताते हुए ब्राउजर ब्लॉक कर देता है। इस पेज पर यह बताया जा रहा है कि वन विभाग की वेबसाइट का सिक्योरिटी सर्टिफिकेट एक वर्ष पूर्व एक्सपायर हो चुका है। जिसकी वजह से यह लिंक सुरक्षित नहीं है। ऐसे में लिंक को खोलने पर कोई भी आपकी जानकारी हैक कर सकता है या वायरस आपके कंप्यूटर या मोबाइल पर अटैक कर सकता है। 

हैरानी की बात तो यह कि यह सरकारी वेबसाइट है और इसे नेशनल इंफोर्मेशन सेंटर की ओर से तैयार व मेनटेंन किया जाता है। वहीं, बात करें फोन नंबर की तो वेबसाइट के होम पेज पर जानकारी और शिकायत के लिए एक टोल फ्री नंबर, कुछ मोबाइल नंबर और एक लैंडलाइन नंबर भी दिए गए हैं। इनमें भी टोल फ्री नंबर व्यस्त रहता है और लैंडलाइन नंबर लगता ही नहीं है। यह नंबर फॉरेस्ट फायर के नोडल ऑफिस का है, जबकि इस संबंध में अधिकारियों से पूछे जाने पर बगलें झांकी जा रही हैं। उन्हें इस अव्यवस्था की जानकारी तक नहीं है।

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