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Uttarakhand Lockdown Update: ऋषिकेश में ठहरे विदेशी पर्यटक प्रशासन के लिए बने चुनौती

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच तीर्थनगरी में ठहरे हजारों विदेशी पर्यटक प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। कई विदेशी पर्यटकों का रिकॉर्ड प्रशासन के पास नहीं है।

By Edited By: Published: Wed, 25 Mar 2020 06:05 PM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2020 08:14 AM (IST)
Uttarakhand Lockdown Update: ऋषिकेश में ठहरे विदेशी पर्यटक प्रशासन के लिए बने चुनौती
Uttarakhand Lockdown Update: ऋषिकेश में ठहरे विदेशी पर्यटक प्रशासन के लिए बने चुनौती

ऋषिकेश, जेएनएन। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच तीर्थनगरी में ठहरे हजारों विदेशी पर्यटक प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। इनमें कई ऐसे विदेशी पर्यटक भी हैं, जिनका कोई रिकॉर्ड प्रशासन के पास नहीं है। कई विदेशियों के बीजा और पासपोर्ट की अवधि भी खत्म हो गई है। ऐसे में आम जनता को सुरक्षित रखना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौति बन गई है।

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तीर्थ नगरी में ऋषिकेश समेत मुनिकीरेती, तपोवन, स्वर्गाश्रम व लक्ष्मणझूला क्षेत्र में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं। मार्च प्रथम सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के लिए भी दुनिया भर से हजारों की संख्या में विदेशी यहां पहुंचे थे। योग सप्ताह के ठीक बाद पूरे विश्व में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ गया। जिसके बाद अधिकांश विदेशी तीर्थनगरी में ही फंस गए हैं। 

वर्तमान में ऋषिकेश, मुनिकीरेती, लक्ष्मणझूला व स्वर्गाश्रम क्षेत्र में करीब ढाई हजार से भी अधिक विदेशी रह रहे हैं। इनमें ज्यादातर पर्यटकों का रिकॉर्ड प्रशासन के पास है। मगर कई पर्यटक ऐसे हैं जो बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे होमस्टे या गेस्ट हाउस में रह रहे हैं। इन संचालकों ने विदेशी पर्यटकों से संबंधित सूचना भी पुलिस व प्रशासन को उपलब्ध नहीं कराई है। 

स्वास्थ्य विभाग की टीम विदेशी पर्यटकों के मामले में संजीदा है और विभिन्न होटल, गेस्ट हाउस, आश्रम व धर्मशालाओं में पहुंचकर इनकी स्क्रीनिंग कर डाटा भी जुटा रही है। मगर गैरपंजीकृत पर्यटकों की मौजूदगी समस्या को बढ़ा रही है। हालांकि कुछ देशों के दूतावास अब अपने पर्यटकों को यहां से निकालने के प्रयास में जुटे हैं। अभी तक करीब 200 से अधिक विदेशियों को उनके दूतावास यहा से रेस्क्यू कर चुके हैं। 

मंगलवार को सबसे अधिक जर्मनी के दूतावास ने अपने पर्यटकों को ऋषिकेश से रेस्क्यू किया है। मगर, दूतावास भी उन्हीं पर्यटकों की मदद कर पा रहा है, जो पुलिस व प्रशासन के पास पंजीकृत हैं। बड़ा सवाल यह भी है कि कई विदेशी पर्यटकों के वीजा व पासपोर्ट की अवधि समाप्त हो चुकी है और वह अब लॉकडाउन के साथ अवैध भी बन गए हैं। मुनिकीरेती क्षेत्र में रह रहे करीब 25 विदेशियों ने अपनी वीजा अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन किया है।

स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिल रही मदद 

मुनिकीरेती व तपोवन क्षेत्र में बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे होमस्टे व गेस्ट हाउस में भी बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक ठहरे हुए हैं। इनकी सूचना जब स्वास्थ्य विभाग को मिली तो स्वास्थ्य विभाग की टीम इनकी स्क्रीनिंग के लिए पहुंची। शीशम झाड़ी में ऐसे ही एक होमस्टे में जांच के लिए पहुंचे तो होमस्टे संचालक ने विदेशियों को छुपा दिया। संचालक ने घर में विदेशियों के ठहरे होने की बात से साफ इनकार कर दिया। मगर, जब विदेशियों को छुपाने का वीडियो वायरल हुआ तो होमस्टे संचालक के झूठ की पोल खुल गई। ऐसी स्थिति में यदि कोई विदेशी कोरोना आशंकित होता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। 

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बोले अधिकारी 

वी. षणमुगम (जिलाधिकारी, टिहरी गढ़वाल) का कहना है कि रजिस्टर्ड होटल व गेस्ट हाउस में ठहरे सभी विदेशियों का रिकॉर्ड प्रशासन के पास है, उनकी स्क्रीनिंग की जा रही है। दूतावास अगर अपने पर्यटकों को ले जाना चाहे तो उन्हें अनुमति दी जाएगी। जहां तक गैर पंजीकृत पर्यटकों व प्रशासन को सहयोग न करने का सवाल है तो ऐसे संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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