Christmas and New Year पर उत्तराखंड में खाद्य सुरक्षा अभियान, मिलावटखोरों पर होगी सख्त कार्रवाई
उत्तराखंड में क्रिसमस और नए साल के दौरान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्यव्यापी अभियान शुरू किया गया है। मिलावटखोरी और घटिया गुणवत्ता वाले खा ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, देहरादून : क्रिसमस और नववर्ष पर आमजन को शुद्ध, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उत्तराखंड में राज्यव्यापी विशेष खाद्य सुरक्षा अभियान शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के क्रम में यह अभियान पूरे राज्य में संचालित हो रहा है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि त्योहारी मौसम में खाद्य पदार्थों की खपत बढ़ जाती है। इसलिए विभाग ने मिलावटखोरी, घटिया गुणवत्ता और अस्वच्छ परिस्थितियों में खाद्य निर्माण एवं विक्रय पर कड़ी निगरानी रखने का निर्णय लिया है।
अभियान के तहत होटल, रेस्टोरेंट, क्लब, कैफे, बेकरी, डेयरी, मिठाई भंडार, फूड कोर्ट और स्ट्रीट फूड जोन में नियमित और औचक निरीक्षण किए जा रहे हैं। जग्गी ने कहा कि विभाग का उद्देश्य केवल दंडात्मक कार्रवाई नहीं है, बल्कि खाद्य कारोबार से जुड़े सभी हितधारकों में जागरुकता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
विशेष निगरानी में मिठाइयां, नमकीन, बेकरी उत्पाद, कन्फेक्शनरी, डेयरी उत्पाद, साइड डिशेज, डेजर्ट्स और तैयार भोजन हैं। गुलाब जामुन, जलेबी, खीर, समोसा, बिरयानी, रोस्ट चिकन, पिज्जा, केक, पेस्ट्री, प्लम केक, कुकीज, चाकलेट और क्रिसमस पुडिंग जैसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर उनकी गुणवत्ता की जांच की जाएगी।
जिला स्तर पर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के नेतृत्व में विशेष टीमें गठित की गई हैं, जो निर्माण इकाइयों से लेकर थोक और खुदरा विक्रेताओं तक की पूरी शृंखला की जांच करेंगी। खाद्य सुरक्षा एवं मानक नियम-2011 और संबंधित विनियमों का उल्लंघन पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
आवश्यकता पड़ने पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस का सहयोग भी लिया जाएगा। आम नागरिकों की भागीदारी को भी अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया गया है। विभागीय पोर्टल और टोल-फ्री नंबर पर प्राप्त शिकायतों का त्वरित संज्ञान लिया जाएगा।
आयुक्त डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि यह अभियान केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य की रक्षा का महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने बताया कि अपमिश्रण और घटिया खाद्य पदार्थों की रोकथाम के लिए न केवल बिक्री स्थलों, बल्कि निर्माण इकाइयों के भी स्रोत पर कार्रवाई की जा रही है।
अभियान के दौरान की गई प्रत्येक कार्रवाई की दैनिक रिपोर्टिंग अनिवार्य की गई है, जिससे पारदर्शिता और प्रभावशीलता बनी रहे। डा राजेश कुमार ने कहा कि शुद्ध भोजन सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। त्योहारी उल्लास के बीच आमजन को खाद्य सुरक्षा का भरोसा भी मिले, यही हमारी जिम्मेदारी है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।