उत्तराखंड में फूलों से महकेंगे यात्रा मार्ग, सुधरेंगे किसानों के आर्थिक हालत
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यात्रा मार्गों पर फूलों के क्लस्टर विकसित करने और प्रसाद योजना का केदारनाथ और बदरीनाथ के साथ अन्य मंदिरों में विस्तार करने को कहा है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। ग्रामीणों और किसानों की माली हालत मजबूत बनाने के लिए सरकार ने नए कदम उठाने का इरादा जाहिर किया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यात्रा मार्गों पर फूलों के क्लस्टर विकसित करने और प्रसाद योजना का केदारनाथ और बदरीनाथ के साथ अन्य मंदिरों में विस्तार करने को कहा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आजीविका योजना ग्रामीण परिवारों को सक्षम बनाने के उद्देश्य पर खरी उतरनी चाहिए। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारी परियोजना की मॉनीटरिंग के लिए नियमित फील्ड विजिट करें। ग्राम्य उत्पादों की मार्केटिंग को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना की कामयाबी के लिए बेहद जरूरी है कि बड़े अधिकारी नियमित रूप से फील्ड में जाएं। मंदिरों में प्रसाद निर्माण की प्रक्रिया में साफ-सफाई पर ध्यान देने के निर्देश दिए गए। आजीविका के जिन केंद्रों पर बहुत अच्छा काम हुआ है, वहां स्कूल-कॉलेज छात्रों का भ्रमण कराया जाए।
प्रसाद योजना के तहत जागेश्वर, बैजनाथ, बदरीनाथ, केदारनाथ, कोटेश्वर, गंगोत्री, महासू, सिद्धबली, सुरकंडा देवी, कुंजापुरी में स्थानीय समूह प्रसाद वितरण कर रहे हैं। आइटीसी ग्रुप के साथ सीएसआर के तहत मंदिरों में चढ़ाए गए फूलों और पत्तियों को रिसाइकिल कर धूपबत्ती बनाने का काम किया जा रहा है। बैठक में बताया गया कि आजीविका परियोजना राज्य के 11 पर्वतीय जिलों के 44 विकासखंडों में संचालित की जा रही है। इसकी कुल लागत 868.60 करोड़ रुपये है। इससे 13702 समूहों के 1,26,000 सदस्य लाभान्वित हो रहे हैं। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, अपर सचिव रामविलास यादव समेत कई अधिकारी मौजूद थे।
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