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    Coronavirus: पांच जमातियों ने 26 हजार लोगों को बनाया कोरोना संदिग्ध

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Mon, 06 Apr 2020 08:13 AM (IST)

    दून के भगत सिंह कॉलोनी व कारगी ग्रांट में तब्लीगी जमात से लौटे जो पांच लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए उनकी वजह से दो किमी के दायरे को कोरोना का हॉट-स्पॉट मान लिया गया है।

    Coronavirus: पांच जमातियों ने 26 हजार लोगों को बनाया कोरोना संदिग्ध

    देहरादून, जेएनएन। कहां तो दून में कोरोना संक्रमण की उलटी गिनती शुरू होने लगी थी और कहां अब जमातियों की हरकत ने प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग का पूरा गणित बिगाड़ कर रख दिया। शनिवार को भगत सिंह कॉलोनी व कारगी ग्रांट में तब्लीगी जमात से लौटे जो पांच लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए, उनकी वजह से दो किमी के दायरे को कोरोना का हॉट-स्पॉट मान लिया गया है।

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    कोराना का संक्रमण इन दोनों इलाकों तक ही रहे, इसके लिए भगत सिंह कॉलोनी व कारगी ग्रांट को शहर के लॉकडाउन से अलग विशेष रूप से लॉक कर दिया गया है। ताकि यहां के लोग अब बाहर न निकल पाएं। हालांकि, यह निर्णय कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोगों के बाद लिया गया और इस बीच तमाम लोग आसपास के इलाकों में भी आए होंगे। इस स्थिति को गंभीर मानते हुए जिला प्रशासन ने दो किमी के दायरे में रहने वाले 26 हजार से अधिक लोगों को कोरोना संदिग्ध की श्रेणी में रखा है। इस तरह यह आबादी सीधे खतरे की जद में है।

    जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि इस पूरी आबादी की मॉनिटरिंग शुरू कर दी गई है। प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग आदि की टीम इन क्षेत्रों में लोगों से सर्दी-जुकाम आदि को लेकर जानकारी भी हासिल करेगी। ताकि तत्काल एहतियाती कदम उठाए जा सकें। जिलाधिकारी ने इन क्षेत्रों में रह रहे लोगों से अपील की है कि वह प्रशासन का सहयोग करें। किसी भी बात से डरने की जरूरत नहीं है। बस उन्हें समाज की खातिर नियमों का पालन करना होगा। दूसरी तरफ, लॉकडाउन किए गए वन अनुसंधान संस्थान के दो किमी की परिधि में भी लोगों की स्क्रीनिंग शुरू की जा रही है। हालांकि, इस क्षेत्र को उतना संवेदनशील नहीं माना जा रहा।

    निगरानी को 150 अतिरिक्त होमगार्ड की तैनाती

    जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए संवेदनशील क्षेत्रों में कोरोना संदिग्धों की निगरानी व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 150 अतिरिक्त होमगार्ड की तैनाती कर दी गई है।

    क्वारंटाइन न करने पर 17 के खिलाफ मुकदमा

    जिन लोगों को प्रशासन ने होम क्वारंटाइन में रहने को कहा है, उनमें से तमाम लोग इसका पालन नहीं कर रहे। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जब उन्हें कॉल या वीडियो कॉल कर रहे हैं तो वह उसका भी जवाब नहीं दे रहे। इससे पहले भी जिलाधिकारी ने ऐसे लोगों को सचेत करते हुए आपदा प्रबंधन अधिनियम में मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी दी थी। जब इसका भी असर नहीं हुआ तो रविवार को प्रशासन ने ऐसे 17 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। इसी क्रम में रविवार रात को सभी के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अब ऐसे लोगों को जबरन संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जाएगा।

    दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल से सात जमाती डिस्चार्ज

    दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल से रविवार देर रात को सात जमातियों को डिस्चार्ज कर दिया गया। इन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। ये लोग विकासनगर, धर्मपुर और सहसपुर क्षेत्र के रहने वाले हैं। अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ. एनएस खत्री ने बताया कि अस्पताल में इस समय कुल 33 मरीज भर्ती है। जिनमें दस संक्रमित और अन्य संदिग्ध है। सभी की हालत सामान्य बनी है और विशेषज्ञ चिकित्सक उनका उपचार कर रहे हैं।

    डोईवाला की केशवपुरी और झबरावाला बस्तियां देर रात लॉक

    डोईवाला की केशवपुरी और झबरावाला बस्तियों में कोरोना मरीज सामने आने के बाद रविवार देर रात दोनों बस्तियों को पूरी तरह लॉक कर दिया गया। इसके साथ ही दोनों मरीजों के 15 स्वजनों को क्वारंटाइन के लिए सुद्धोवाला भेज दिया गया है। इधर, देर रात तक देहरादून शहर के लक्खीबाग क्षेत्र को लॉक करने को लेकर मंथन चलता रहा। हालांकि अभी प्रशासन ने इसे हॉट स्पॉट नहीं माना है।

    चिकित्सक ने किया संदिग्ध का उपचार, अब हैं क्वारंटाइन

    दो दिन पहले बुखार होने पर गांधी ग्राम की एक महिला प्रिंस चौक के पास स्थित क्लीनिक पहुंची। परीक्षण के दौरान क्लीनिक की महिला चिकित्सक ने उसमें कोरोना जैसे लक्षण पाए तो दून अस्पताल जाकर कोरोना की जांच कराने को कहा। हालांकि, महिला अस्पताल जाने की जगह घर चली गई। यह जानकारी चिकित्सक को मिली तो उनके होश फाख्ता हो गए। उन्होंने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी। लक्ष्मण चौक पुलिस को छानबीन में पता चला कि उक्त महिला सहारनपुर से तब्लीगी जमात से लौटी है। चिकित्सक को भी इसकी जानकारी दी गई। जिसके बाद वह परिवार से अलग क्वारंटाइन में रह रही हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि महिला की खून की जांच की गई थी, जिसमें संक्रमण नहीं पाया गया और अब उसका बुखार भी ठीक है। हालांकि, पुष्टि नहीं हो पाई है कि महिला की कोरोना जांच की गई या कोई अन्य सामान्य जांच। फिलहाल वह गांधी ग्राम में अपने घर पर ही रह रही है।

    धरपकड़ में जमातियों के संपर्क में आए पांच पुलिसकर्मी

    तब्लीगी जमातों से लौटे लोग कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लगे पुलिस-प्रशासन के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं। एक के बाद एक जमातियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि के बाद पुलिसकर्मियों के सामने खुद के बचाव की भी चुनौती खड़ी हो गई है। क्योंकि, तमाम जमातियों को क्वारंटाइन करने के लिए भी उनकी धरपकड़ करनी पड़ रही है। जमातियों को क्वारंटाइन कराने के लिए कारगी ग्रांट पहुंचे पांच पुलिसकर्मी इसी जिद्दोजहद में उनके संपर्क में आ गए।

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    अपर मुख्य चिकित्साधिकारी एवं कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ. दिनेश चौहान ने बताया कि पुलिसकर्मी कोरोना संदिग्ध जमातियों को जबरन पकड़कर लाए थे। तमाम एहतियात बरतने के बाद भी पुलिसकर्मियों के शरीर के खुले अंग उनके संपर्क में आ गए। अभी पुलिसकर्मी स्वस्थ हैं, मगर सावधानी के तौर पर सभी के सैंपल लिए गए हैं। ताकि उनकी कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच कराई जा सके। रिपोर्ट आने तक सभी को क्वारंटाइन का पालन करने को कहा गया है। अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तो सभी को क्वारंटाइन से बाहर कर दिया जाएगा।

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