Move to Jagran APP

उत्तराखंड में 37 लाख हेक्टेयर जंगल को आग का खतरा

उत्तराखंड में 37.83 लाख हेक्टेयर जंगल को आग का खतरा है। इसमें भी 11.28 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र हाई रिस्क जोन में है जबकि शेष हिस्सा मीडियम और लो रिस्क जोन में।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 08:53 AM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 08:41 PM (IST)
उत्तराखंड में 37 लाख हेक्टेयर जंगल को आग का खतरा
उत्तराखंड में 37 लाख हेक्टेयर जंगल को आग का खतरा

देहरादून, केदार दत्त। उत्तराखंड में 37.83 लाख हेक्टेयर जंगल को आग का खतरा है। इसमें भी 11.28 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र हाई रिस्क जोन में है, जबकि शेष हिस्सा मीडियम और लो रिस्क जोन में। फायर सीजन के दृष्टिगत किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है। जाहिर है कि गर्मियों में जंगलों को आग से बचाने की बड़ी चुनौती है। हालांकि, वन विभाग का दावा है कि संवेदनशील क्षेत्रों के हिसाब से ही जंगलों को आग से बचाने की रणनीति बनाई गई है।

loksabha election banner

उत्तराखंड में मौसम भले ही अभी साथ दे रहा, मगर फायर सीजन की उल्टी गिनती से वन महकमे की चिंता बढऩे लगी है। वजह ये कि हर साल ही फायर सीजन (15 फरवरी से मानसून आने तक की अवधि) में बड़े पैमाने पर वन संपदा आग की भेंट चढ़ जाती है। फायर सीजन से निबटने के मद्देनजर विभाग ने अध्ययन कराया तो बात सामने आई कि राज्य के कुल भूभाग 53.48 लाख हेक्टेयर में से 37.83 लाख हेक्टेयर क्षेत्र जंगलों की आग के लिहाज से संवेदनशील है।

अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार प्रदेशभर में 11.28 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र हाई रिस्क जोन में है। 15.41 लाख हेक्टेयर मीडियम और 11.14 लाख हेक्टेयर लो रिस्क जोन के अंतर्गत है। ऐसे में इन वन क्षेत्रों को फायर सीजन यानी गर्मियों में आग से बचाने की सबसे बड़ी चुनौती है। मुख्य वन संरक्षक एवं नोडल अधिकारी (वनाग्नि) वीके गांगटे भी इससे इत्तेफाक रखते हैं।

हालांकि, गांगटे बताते हैं कि फायर सीजन में जंगलों को आग से बचाने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों के हिसाब से ही रणनीति तैयार की गई है। हाई, मीडियम व लो रिस्क जोन वाले क्षेत्रों में इनकी संवेदनशीलता के हिसाब से कार्मिकों की तैनाती की जाएगी। साथ ही फायर वाचर व दैनिक श्रमिक भी तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा वन पंचायतों और स्थानीय ग्रामीणों की मदद भी ली जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति से निबटने के लिए विभाग की तैयारियां पूरी है।

यह भी पढ़ें: जंगलों में फायर सीजन की उल्टी गिनती शुरू, तैयारियों में जुटा मकहमा; चुनौती बरकरार

15.64 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को खतरा नहीं

प्रदेशभर में जहां 37.83 लाख हेक्टेयर जंगल आग के लिहाज से संवेदनशील श्रेणी में हैं, वहीं 15.64 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में आग का कोई खतरा नहीं है। विभाग की अध्ययन रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंडः इद्रदेव की मेहरबानी से फायर सीजन में कुछ राहत की उम्मीद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.