नकली दवा का हब बना रुड़की, फार्मा कंपनियों की साख पर असर, चार साल में दर्जन भर मामले पकड़े
Fake Medicine रुड़की व भगवानपुर क्षेत्र नकली दवाओं का हब बन चुका है। हालत यह है कि नकली दवा के मामले में गिरफ्तारी होने के बाद भी कई ऐसे लोग हैं जो फिर से नकली दवा का धंधा संचालित किए हुए हैं।

दीपक मिश्रा रुड़की : Fake Medicine : रुड़की व भगवानपुर क्षेत्र नकली दवाओं का हब बन चुका है। ड्रग विभाग की कमजोर पकड़ के चलते यहां नकली दवा का धंधा जमकर फलफूल रहा है।
पिछले पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो नकली दवा कंपनी के पकड़े जाने के करीब दर्जनभर मामले सामने आ चुके हैं। कार्रवाई के बाद भी नकली दवा के धंधे से जुड़े लोग बाज नहीं आ रहे हैं। हालत यह है कि नकली दवा के मामले में गिरफ्तारी होने के बाद भी कई ऐसे लोग हैं, जो फिर से नकली दवा का धंधा संचालित किए हुए हैं।
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भगवानपुर के डाडा जलालपुर गांव में नकली दवा फैक्ट्री के पकड़े जाने का मामला भले ही काफी बड़ा माना जा रहा हो। लेकिन रुड़की व भगवानपुर क्षेत्र के लिए यह सामान्य सी बात हो गई है। ड्रग विभाग की अनदेखी के कारण नकली दवा का धंधा करने वालों के लिए रुड़की व भगवानपुर सबसे मुफीद है।
वर्ष 2018 सितंबर में उत्तर प्रदेश के अमरोहा के ड्रग विभाग व पुलिस टीम ने सलेमपुर औद्योगिक क्षेत्र, चावमंडी व शिवपुरम में तीन नकली दवा फैक्ट्री पकड़ी थी। तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार भी किया गया था। वर्ष 2020 में दिल्ली से आई विजिलेंस टीम ने स्थानीय ड्रग विभाग के साथ मिलकर चुडियाला में भाजपा नेता के भाई की फैक्ट्री से नकली दवा पकड़ी थी।
2020 में डेढ़ करोड़ रुपये की नकली दवा पकड़ी थी
23 अगस्त 2020 में गंगनहर कोतवाली पुलिस ने रामनगर औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक दवा कंपनी में छापा मारकर करीब डेढ़ करोड़ रुपये की नकली दवा पकड़ी थी। 28 जून 2020 में सलेमपुर राजपूताना में छापा मारकर नकली दवा फैक्ट्री पकड़ी थी। सात व्यक्तियों को यहां गिरफ्तार किया गया था। एसटीएफ देहरादून ने 30 जून 2020 को भी रुड़की के सलेमपुर में नकली दवा का गोदाम पकड़ा था।
मई 2021 में भी रेमडेसिविर के नकली इंजेक्शन पकड़े गए थे। इसके अलावा भी रुड़की व भगवानपुर में वर्ष 2021 व 2022 में भी नकली दवा के कई मामले पकड़े जा चुके हैं। इतने अधिक मामले पकड़े जाने के बाद भी रुड़की व भगवानपुर क्षेत्र में नकली दवा का धंधा रुकने के बजाय बढ़ता जा रहा है।
शहरवासियों का कहना है कि ड्रग विभाग यदि क्षेत्र में सक्रियता से कार्य करता तो नकली दवा का यह धंधा इतना अधिक न फलता फूलता। हालांकि ड्रग इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह राणा की ओर से कई बार कार्रवाई की गई, लेकिन वह नकली दवा के धंधेबाजों पर रोक नहीं लगा पाए।
भगवानपुर व रुड़की फार्मा को भुगतना पड़ रहा खामियाजा
भगवानपुर व रुड़की में डेढ़ सौ से अधिक फार्मा कंपनी हैं। फार्मा कंपनी के संचालकों का कहना है कि क्षेत्र में नकली दवा के पकड़े जाने से भगवानपुर व रुड़की क्षेत्र की फार्मा कंपनियों पर असर पड़ रहा है। नकली दवा पकड़े जाने की खबरें अन्य राज्यों तक पहुंचती हैं।
पिछले कुछ साल में इसी कारण से इस क्षेत्र में फार्मा कंपनियों का उत्पादन बढ़ने के बजाय घटा है। फार्मा कंपनी संचालकों का कहना है कि नकली दवा का धंधा करने वालों पर विभाग को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
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