Dehradun News: लोगों की सेहत 'बेचकर' बना अमीर, जेल जाने के बाद भी नहीं जागा जमीर
भिवाड़ी के नवीन बंसल ने अमीर बनने के लिए नकली दवाइयों का कारोबार शुरू किया। STF ने उसे गिरफ्तार किया है। आरोपी ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर नकली दवाइयां बेचता था और उसने फर्जी पैन कार्ड भी बनवाए थे। उसने इन सात सालों में दो फ्लैट दो विला और तीन लग्जरी कारें खरीदीं। वह अपनी इनकम सिर्फ पांच से सात लाख रुपये दिखाता था।

सोबन सिंह गुसांई, देहरादून। बीमारी से राहत पाने के लिए लोग जिस ब्रांडेड दवा को भरोसे के साथ खा रहे हैं, वहीं दवा अगर नकली निकल जाए तो यह मरीज के लिए खतरे की घंटी बन जाती है। उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने एक ऐसे ही आरोपित को गिरफ्तार किया है जोकि बाजार में ब्रांडेड दवा कंपनियों के नाम पर नकली दवाइयां सप्लाई कर रहा था। यह दवाइयां ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण पाने, दर्द निवारक, एसिड की मात्रा कम करने, शूगर नियंत्रण करने वाली शामिल है।
खुद लग्जरी जिंदगी जीने के लिए आशियाना ग्रीन भिवाड़ी राजस्थान निवासी नवीन बंसल ने लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करना 10 साल से नकली दवाइयां बाजार में उतारने की योजना बनाई थी। 2015 में उसने फर्जी पेनकार्ड बनाया और फार्मा कंपनी बनाई।
इस कंपनी की आड़ में उसने ब्रांडेड दवा कंपनियों के नाम पर नकली दवाइयां बाजार में उतारी। इसकी भनक जब दिल्ली क्राइम ब्रांच को लगी तो वर्ष 2018 में क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार कर लिया। छह माह जेल में रहने के बाद भी वह नहीं सुधरा और दोबारा इसी धंधे से जुड़ा।
नवीन बंसल ने अक्षय नाम से दस्तावेज तैयार किए और इसी नाम से फर्जी पेनकार्ड बनाया और फिर एक फार्मा कंपनी बनाई। इसी फार्मा कंपनी की आड़ में वह दोबारा फर्जी दवाइयां बाजार में उतारने लगा। इन सात सालों में आरोपित ने भिवाड़ी राजस्थान में पाश एरिया आशियाना ग्रीन में दो फ्लैट खरीदे, इसके बाद दो विला भी लिए। लोगों की सेहत खतरे में डालकर उसे करोड़ों का मुनाफा हुआ तो उसने तीन लग्जरी कारें भी खरीदीं। इनमें एमजी हेक्टर, सियाज व एक अन्य कार ली।
पांच से सात लाख रुपये दिखाता था इनकम
बाजार में नकली दवाइयां उतारकर प्रतिमाह लाखों रुपये कमाने वाला नवीन बंसल अपनी इनकम केवल पांच से सात लाख रुपये प्रतिवर्ष दिखाता था। धीरे-धीरे उसका काम बढ़ता गया तो उसने उत्तराखंड से लेकर बद्दी हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ सहित अन्य राज्याें में अपना कारोबार करना शुरू कर दिया। आरोपित ने इन राज्यों में अपना स्टाफ भी रखा था जोकि अलग-अलग काम करते थे।
इस तरह से कर रहा था जिंदगी से खिलवाड़
देश की प्रतिष्ठित दवा कंपनियां अच्छी दवाइयां तैयार करने के लिए संक्रमणमुक्त जगह, धूल, नमी और बैक्टिरिया से सुरक्षा के लिए हाइजीन प्रोटोकाल का पालन करती हैं। वहीं आरोपित किसी भी कमरे में दवाइयां कर देता था। ऐसे में यह दवाइयां मरीज के शरीर में असर करने के बजाए बेअसर हो जाती है।
एसटीएफ ईडी व इनकम टैक्स को भेजी रिपोर्ट
आरोपित पर शिकंजा कसने के लिए अब एसटीएफ ने पूरी तैयारी कर ली है। इस मामले में एसटीएफ ईडी को भी रिपोर्ट भेजने जा रही है। जांच में साफ हो पाएगा कि आरोपित ने लोगों को नकली दवाइयां बेचकर अब तक कितनी कमाई की है। इसके अलावा आरोपित धनराशि का कहां-कहां इस्तेमाल करता था, इसकी जानकारी भी ईडी की जांच में ही सामने आ पाएगी।
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