दस रुपये के नकली सिक्के ने असली को बनाया '10 नंबरी'
बाजार में आई 10 रुपये के नकली सिक्कों की खेप ने असली सिक्के के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिह्न लगा दिया है। हालात ये हैं कि न तो दुकानदार 10 का सिक्का ले रहे हैं न ग्राहक ही।
देहरादून, [जेएनएन]: बाजार में आई 10 रुपये के नकली सिक्कों की खेप ने असली सिक्के के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिह्न लगा दिया है। हालात ये हैं कि न तो दुकानदार 10 का सिक्का ले रहे हैं न ग्राहक ही। ...और तो और बैंक भी इन सिक्कों को लेने से हाथ खड़े कर दे रहे हैं। जबकि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) की ओर से असली और नकली सिक्के की पहचान के लिए अंतर भी स्पष्ट किए जा चुके हैं। बावजूद इसके लोग 10 के असली सिक्के को '10 नंबरी' समझ हाथ नहीं लगा रहे। यूं अचानक 10 के सिक्कों का लेनदेन बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी व्यापारियों और दुकानदारों को हो रही है। दरअसल, कई व्यापारियों और दुकानदारों के पास 10 के सिक्कों की अच्छी-खासी संख्या है।
नौकरीपेशा मनमोहन जायसवाल बताते हैं कि वह पांच हजार रुपये के 10 के सिक्के जमा करने बैंक गए थे, लेकिन कार्मिकों ने स्पष्ट मना कर दिया। इसी तरह मोबाइल रीचार्ज व्यापारी विपिन गोयल ने बताया कि उनके पास 40 हजार रुपये के 10 के सिक्के हैं। ग्राहक लेने को तैयार नहीं और बैंक जमा नहीं कर रहा, जबकि उन्हें मजबूरी में ग्राहकों से 10 के सिक्के लेने पड़ रहे हैं, क्योंकि ऐसा न करने पर ग्राहक वापस चला जाता है।
नौकरीपेशा धनंजय कुमार मंगलवार को सब्जी लेने निरंजनपुर मंडी गए तो विक्रेता ने पहले ही बोल दिया कि 10 का सिक्का नहीं लूंगा। इस समस्या से मनमोहन, विपिन या धनंजय ही नहीं, बल्कि लाखों दूनवासी परेशान हैं।
उत्तरांचल बैंक इंप्लाइज यूनियन के महामंत्री जगमोहन मेहंदीरत्ता का कहना है कि चूंकि भारत सरकार ने 10 के सिक्कों पर कोई बैन नहीं लगाया है। इसलिए 10 का सिक्का लेने से मना करना अपराध है। संगठन के पास भी ऐसी तमाम शिकायतें आ रही हैं।
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ये है असली सिक्के की पहचान
- असली सिक्के में एक ओर 10 के अंक के ऊपर रुपये का साइन बना है, जबकि नकली सिक्के में केवल 10 का अंक है।
- असली सिक्के में जिस ओर 10 का अंक है, उस ओर ऊपर 10 पट्टी बनी हैं, जबकि नकली में 15 पट्टी हैं।
- असली सिक्के में भारत और इंडिया अलग-अलग लिखा है। नकली में दोनों एक साथ लिखा है।
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क्या कहते हैं अधिकारी
लीड बैंक प्रबंधक गोपाल सिंह राणा का कहना है कि सभी बैंक सिक्के ले रहे हैं और बैंक खुद बांट भी रहे हैं। छोटी ब्रांच में थोड़ी दिक्कत हो रही है। स्टाफ कम होने के कारण नकली-असली की पहचान करना मुश्किल है। सिक्के लेने से इन्कार कहीं नहीं किया जा रहा। बड़ी ब्रांच में कोई दिक्कत नहीं है।
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