Coronavirus: उत्तराखंड में कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए कैदियों को छोड़ने की कवायद हुई शुरू
जेल में कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए उत्तराखंड में भी सोशल डिस्टेंसिंग की कवायद शुरू गई है। इसके तहत जेलों में बंद कैदियों की संख्या को कम किया जाएगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। जेल में कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए उत्तराखंड में भी सोशल डिस्टेंसिंग की कवायद शुरू गई है। इसके तहत जेलों में बंद कैदियों की संख्या को कम किया जाएगा। इसके लिए उन्हें पेरोल व अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा। सात साल या उससे कम सजा के जुर्म में दोषी अथवा विचाराधीन कैदियों की रिहाई को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए प्रदेश में उत्तराखंड राज्य विधिक आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत जस्टिस राजेश टंडन, सचिव गृह नितेश झा और एडीजी जेल प्रशासन डॉ. पीवीके प्रसाद को शामिल किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने समय पूर्व जेल में बंद कैदियों की कोरोना से सुरक्षा के मामले का स्वत: संज्ञान लिया लिया था। कोर्ट का कहना कि कैदियों के बीच सुरक्षित दूरी रखनी सुनिश्चत करनी होगी। 20 मार्च को इसकी सुनवाई होनी थी। इसके लिए शासन स्तर पर एडीजी जेल को नोडल अधिकारी तय किया गया। इस मामले की सुनवाई 23 मार्च को हुई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने उच्च स्तरीय समिति बनाने के निर्देश जारी करते हुए कैदियों की रिहाई पर शीघ्र निर्णय लेने को कहा। उत्तराखंड में 11 जेल हैं, जिनमें 3420 कैदी रखने की क्षमता है मगर यहां पांच हजार से अधिक कैदी बंद हैं। एडीजी जेल डॉ. पीवीके प्रसाद ने बताया कि इस मामले में समिति में चर्चा की जा रही है।
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सफाई कर्मियों को किया सम्मानित
कोरोना महामारी के दौरान विधानसभा परिसर में स्वच्छता और सफाई बनाए रखने के साथ ही सुचारू रूप से सेवाएं देने वाले सफाई कर्मचारियों को विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरे देश में लॉकडाउन होने के पश्चात भी कुछ सेवाएं ऐसी हैं जो लगातार इस महामारी का डटकर मुकाबला करने में अपनी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं। जिन सफाई कर्मचारियों को सम्मानित किया गया, उनमें सुखवीर, नरेश, सुनील, अनुज, शुभम, रजत, अश्विनी, सुदेश शामिल थे। इस अवसर पर विधायक देशराज कर्णवाल व राम सिंह कैड़ा, सचिव विधानसभा जगदीश चंद भी मौजूद थे।
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