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    Board Exam Tips: कोई रटकर याद नहीं रख पाता, कोई याद किया भूल जाता- क्या है इन समस्याओं का समाधान

    By Sumit kumar Edited By: Aysha Sheikh
    Updated: Mon, 29 Jan 2024 03:37 PM (IST)

    एक छात्रा ने टेलीकाउंसलिंग में बताया कि उन्हें 10वीं की परीक्षा देनी है। कुछ दिनों से घबराहट है खाने का मन नहीं हो रहा है। जो भी पढ़ना चाहती हूं वह भूल जाती हूं। वहीं एक अन्य छात्र का कहना है कि माता-पिता बार-बार कहते हैं कि पढ़ाई पर ध्यान दे दूसरों के बच्चों को देखों वह कितना आगे निकल चुके हैं।

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    Board Exam Tips: कोई रटकर याद नहीं रख पाता, कोई याद किया भूल जाता- क्या है इन समस्याओं का समाधान

    जागरण संवाददाता, देहरादून। सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की 10वीं व 12वीं की परीक्षा 15 फरवरी से शुरू होने जा रही है। नजदीक आती परीक्षा से छात्रों में तनाव भी बढ़ रहा है। सीबीएसई की टेलीकाउंसलिंग में आजकल हर दिन 12 से 15 फोन आ रहे हैं, जिसमें सर्वाधिक मामले छात्रों को रटकर याद न होना, याद किया भूल जाना, रातभर पढ़ाई के लिए जागते रहना, परीक्षा में फेल होने अथवा कम अंक होने का भय, परिवार का दूसरे बच्चों की तुलना करना, सिर में दर्द बना रहना आदि हैं।

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    काउंसलसरों का कहना है कि इस समय माता-पिता की बच्चों के प्रति जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। ऐसे में घर का वातावरण सही रखने के साथ ही बच्चों का ध्यान भी रखें। टेलीकाउंसलिग में आए कुछ मामलों के बारे में बता रही हैं न्यूरो साइक्लोजिस्ट व सीबीएसई की टेलीकाउंसर डा. सोना कौशल गुप्ता।

    टेलीकाउंसलिंग में आए कुछ मामले

    -राजपुर रोड निवासी एक छात्रा ने टेलीकाउंसलिंग में बताया कि उन्हें 10वीं की परीक्षा देनी है। कुछ दिनों से घबराहट है, खाने का मन नहीं हो रहा है। जो भी पढ़ना चाहती हूं वह भूल जाती हूं। इस आदत की वजह से घर के अन्य लोग भी परेशान हैं। परीक्षा नजदीक है, यदि इसी तरह सवालों को भूलती रही तो परीक्षा में क्या लिखूंगी और परिणाम कैसा रहेगा। इसकी चिंता अगल सता रही है।

    -डालनवाला निवासी एक अभिभावक ने बताया कि उनका बेटा 12वीं में है। रात में पढ़ाई पहले भी करता था, लेकिन आजकल पूरी रात जागता रहता है और दिन में सो जाता है। लेकिन इसके बाद भी वह थका-थका रहता है। खाना भी जबरन खिलाना पड़ता है। कुछ कहो तो चिढ़ने लगता है। बेटे के इस तरह के व्यवहार से सभी घर वाले परेशान हैं।

    -पटेलनगर निवासी एक छात्र ने बताया कि बोर्ड परीक्षा के लिए वह खुद अपने स्तर से पूरी तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए टाइमटेबल भी बनाया है, ताकि सभी विषय को समान समय मिल सके। लेकिन माता-पिता बार-बार कहते हैं कि पढ़ाई पर ध्यान दे, दूसरों के बच्चों को देखों वह कितना आगे निकल चुके हैं। इस तरह की बातों से तनाव और भी बढ़ गया है, जो याद था वह भी भूल गया हूं।

    अभिभावक इन बातों का रखें ध्यान

    -बच्चों को सहज रखें और बार-बार पढ़ने व अंकों को लेकर उनपर दबाव न डालें। परीक्षा के आखिरी समय उनका ध्यान रखें व निगेटिव रिमार्क से बचें।

    -तनाव बच्चों के प्रदर्शन को गिराता है। यह समय बच्चों को तनाव मुक्त करने का है, तनावमुक्त बच्चा अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। इसलिए इस ओर ध्यान दें।

    -बच्चे खुद के अंक व पढ़ाई से अधिक चिंतित माता-पिता का दूसरे बच्चों की अपेक्षा करने से रहते हैं। बच्चों का मार्गदर्शन करें, लेकिन बेहतर ढंग से।

    -पढ़ाई के साथ ही बच्चों की शारीरिक गतिविधि पर जरूर ध्यान दें, मोबाइल से ज्यादा उन्हें घर व बाहर एक से दो घंटे खेल में बिताने को कहें।

    -याद रखें दवा कोई भी मेमोरी नहीं बढ़ाती, इसलिए चिकित्सक की सलाह के बिना कोई दवा न लें। बच्चों को सात से आठ घंटे की नींद लेने दें।

    -भूखे पेट पढ़ने व याद करने में परेशानी होती है। इसलिए नाश्ता अवश्य कराएं। खाने पीने में भी बच्चों का ध्यान रखें। घर पर बनी चीजों को प्राथमिकता दें।

    -बोर्ड परीक्षा के समय बच्चे तनाव में होते हैं। कई बार बच्चे पढ़ाई करते समय हतोत्साहित हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में अपने बच्चे का उत्साह बढ़ाएं।

    - इन दिनों बच्चों को पूरा समय दें। यदि वह किसी परेशानी में हैं तो उसका हल ढूंढे। पढ़ाई में दिक्कत आने पर उन्हें समझाएं।

    -दिमाग को काम करने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है। ऐसे में बच्चों को आसानी से पचने वाला व पौष्टिक आहार दें।

    -बच्चों की डाइट में दूध, सूखे मेवे, ओट्स व दालें शामिल करें। जंक फूड व कोल्ड ड्रिंक्स आदि बिल्कुल न दें। इनमें मौजूद शक्कर व नमक आलस बढ़ाता है।

    -बच्चे किसी भावनात्मक वजह से भी असंतुलित हो सकते हैं। इसकी परिवार के झगड़े, माता-पिता का अलग होना, सिंगल पैरेंट आदि भी वजह है।

    -जितनी देर पढ़ने में मन लगता है, उतनी देर पढ़कर बीच में समय लें। नींद पूरी लेने के साथ योग व मेडिटेशन भी करें।