पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाओं पर हरीश रावत ने साधा निशाना
हरीश रावत ने पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं को लेकर सरकार के स्टैंड और एनआरएचएम घोटाले में सीबीआइ को जांच की अनुमति अभी तक न देने को लेकर सरकार को निशाने पर लिया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं को लेकर सरकार के स्टैंड और एनआरएचएम घोटाले में सीबीआइ को जांच की अनुमति अभी तक न देने को लेकर प्रदेश सरकार को निशाने पर लिया है। सोशल मीडिया पर पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने पोस्ट कर कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को लेकर सरकार को सभी के लिए एक से नियम बनाने चाहिए। एनआरएचएम घोटाले पर उन्होंने कहा कि सरकार सीबीआइ जांच की अनुमति देने में देरी क्यों कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत दूसरे ऐसे पूर्व मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद सरकारी सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं किया। इससे पूर्व राज्य के पहले मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी भी अपने ही आवास पर रहे थे। इसके अलावा शेष पूर्व मुख्यमंत्रियों ने सरकारी आवास समेत अन्य सरकारी सुविधाओं का उपभोग किया। अब प्रदेश सरकार इनका किराया माफ करने की तैयारी कर रही है।
यह भी पढ़ें: सरकार ने राजभवन से वापस मंगाया पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं को लेकर जारी
इस पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधा पर कुछ कहना नहीं चाहते लेकिन एक सामान्य नियम बनाया जाए, तो बात समझ में आती है। यदि कुछ पूर्व मुख्यमंत्रियों का किराया माफ हो जाता है, उनकी सुविधा अनुमन्य मान ली जाती हैं तो भविष्य में जो भी पूर्व मुख्यमंत्री होगा वह सरकारी आवास नहीं छोड़ेगा। वह यह प्रतीक्षा करेगा कि कोई सुविधाजनक सरकार आएगी और उसका भी किराया माफ कर देगी। एनएआरएचम घोटाले पर उन्होंने कहा कि भाजपा नेता कहते हैं उन पर किया गया स्टिंग उनके कर्मों का फल है। अब एनएचआरएम घोटाले में सीबीआइ जो कार्रवाई करना चाहती है, प्रदेश सरकार क्यों उन्हें बचा रही है।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में सरकारी दर से आवास का किराया देंगे पूर्व सीएम