इंजीनियरिंग छात्रों को अनिवार्य रूप से करनी होगी इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग
उत्तराखंड के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को चारों साल इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग अनिवार्य रूप से करनी होगी।
देहरादून, [अशोक केडियाल]: उत्तराखंड के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को चारों साल इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग अनिवार्य रूप से करनी होगी। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) ने एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने व पढ़ाई के बाद सीधे प्लेसमेंट का मौका मिले, इसके लिए मॉडल करिकुलम बनाया है। उसे उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) ने चालू सत्र से लागू कर दिया है। इंजीनियरिंग के छात्र-छात्रा को द्वितीय, चतुर्थ, छठे और आठवें सेमेस्टर में अनिवार्य रूप से इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग लेनी होगी। यूटीयू ने दूसरे सेमेस्टर से इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
बता दें कि एआइसीटीई के मॉडल करिकुलम में इंजीनियरिंग छात्रों के प्रैक्टिकल स्किल डेवलपमेंट पर ज्यादा जोर दिया गया है और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग को अनिवार्य कर दिया गया है। नए सिस्टम में थ्योरी पेपर के क्रेडिट को 200 से घटाकर 160 कर दिया गया है, जिसमें 14 क्रेडिट समर इंटर्नशिप के भी होंगे। इसके तहत छात्रों को इंडस्ट्री में दो से तीन महीने की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग लेनी होगी। ट्रेनिंग में छात्र जॉब के लिए नए स्किल्स सीखेंगे।
इनोवेटिव आइडिया पर सम्मानित होंगे छात्र
इसके अलावा इनोवेटिव आइडिया को आगे बढ़ाने के लिए विश्वकर्मा अवार्ड, स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए क्लीन, ग्रीन एंड स्मार्ट कैंपस अवार्ड, स्टार्टअप अवार्ड भी दिए जाने की योजना है।
शिक्षकों को भी एफटीपी अनिवार्य
एआइसीटीई ने इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ा रहे शिक्षकों के लिए छह महीने का फैकल्टी ट्रेनिंग प्रोग्राम (एफटीपी) अनिवार्य कर दिया है। इसके बिना नए शिक्षकों का कन्फर्मेशन नहीं होगा। पहले से पढ़ा रहे शिक्षकों को भी यह करना होगा। इसके लिए उन्हें पांच साल का समय दिया जाएगा।
डॉ.अनीता रावत (कुलसचिव, यूटीयू) का कहना है कि एआइसीटीई के मॉडल करिकुलम में इंडस्ट्रीयल ट्रैनिंग अनिवार्य है। उत्तराखंड के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों को दूसरे, चौथे, छठे व आठवें सेमेस्टर मे यह ट्रेनिंग अनिवार्य रूप से करवाने को लेकर निर्देशित किया गया है। जल्द ही इस संबंध में पत्र भेजे जाएंगे।
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