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Engineering entrance exam: अगले साल भी खिसकेगी प्रवेश परीक्षा की तारीख, जानिए वजह

कोरोना के कारण इस साल प्रतियोगी परीक्षाएं न केवल बार-बार स्थगित हुई बल्कि परीक्षा के लिए छात्रों को लंबा इंतजार करना पड़ा था। नए साल में भी इस समस्या से जल्द निजात मिलती नहीं नजर आ रही है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 11:49 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 04:00 PM (IST)
Engineering entrance exam: अगले साल भी खिसकेगी प्रवेश परीक्षा की तारीख, जानिए वजह
Engineering entrance exam: अगले साल भी खिसकेगी प्रवेश परीक्षा की तारीख।

देहरादून, जेएनएन। कोरोना के कारण इस साल प्रतियोगी परीक्षाएं न केवल बार-बार स्थगित हुई, बल्कि परीक्षा के लिए छात्रों को लंबा इंतजार करना पड़ा था। नए साल पर भी इस समस्या से जल्द निजात मिलती नहीं दिख रही है। जिस तरह की स्थिति है 2021 में होने वाले जेईई मेन पर भी कोरोना का असर पड़ेगा। हर साल जेईई मेन की आवेदन प्रक्रिया नवंबर तक समाप्त हो जाती थी, लेकिन इस साल अब तक यह प्रक्रिया शुरू भी नहीं हुई है। उसपर एनआइटी में भी अब तक दाखिले की प्रक्रिया चल रही है। 

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जोसा द्वारा आयोजित काउसंलिंग के बाद एनआइटी की शेष सीटों के लिए काउंसलिंग चल रही है। जिन छात्रों को उनका पसंदीदा कॉलेज नहीं मिलेगा, वे भी जेईई मेन को रिपीट कर सकते हैं। ऐसे में जनवरी में होने वाले जेईई-मेन की तारीख आगे खिसकने के पूरे आसार हैं। एग्जाम एक्सपर्ट डीके मिश्रा के अनुसार कोरोना के कारण इस बार दाखिला प्रक्रिया में देरी हुई। यही नहीं लॉकडाउन और इसके बाद कोचिंग को लेकर जारी पाबंदियों के बीच छात्रों की तैयारी भी इस साल देरी से शुरू हुई। वह कहते हैं कि जेईई मेन का शेड्यूल बदलने के कारण सीधा असर जेईई एडवांस्ड पर पड़ेगा। वहीं, एनटीए को बोर्ड परीक्षाओं की डेट शीट का भी ध्यान रखना होगा।

एग्जाम एक्सपर्ट मनु पंत के अनुसार जेईई का रिवाइज्ड सिलेबस जारी होने के बाद मेन और एडवांस्ड के इंफॉर्मेशन ब्रोशर में सिलेबस को पूरा स्पष्ट किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में समय लगने के कारण अगले साल मेन और एडवांस्ड का शेड्यूल बदलना तय है। उन्होंने बताया कि जेईई एडवांस्ड के अटैम्प्ट बढ़ाने के लिए छात्रों ने सभी आइआइटीज को पत्र लिखा है। छात्रों का कहना है कि कोविड के कारण साल-2021 में एक अतिरिक्त अटैम्प्ट दिया जाए। 2020 में स्कूल बंद होने व ऑनलाइन पढ़ाई के कारण 12वीं में 75 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता को भी समाप्त किया जाए।

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